लखनऊ: उत्तर प्रदेश में परिवहन सेवाओं को सुधारने को लेकर तेजी से काम हो रहा है। राजधानी में मेट्रो के चालू होने के बाद से लखनऊवासियों को बहुत हद तक जाम से झमेले से मुक्ति मिली है। वहीं जिस रूट पर अभी मेट्रो नहीं चालू हुई है, उस रूट पर लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसी क्रम में योगी सरकार में लखनऊ मेट्रो का विस्तार होने जा रहा है। अब मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लखनऊ में दूसरे कॉरिडोर में चारबाग से लेकर बसंतकुंज को मेट्रो से जोड़ने जा रहा है। इसके लिए लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी) ने इस रूट के स्टेशनों का खाका भी तैयार कर लिया है। इस रूट में कुल 12 स्टेशन बनने हैं, जिनमें सात अंडरग्राउंड होंगे और पांच एलेवेटेड। वहीं इस रूट के शुरू होने से पुराने लखनऊ के लाखों लोगों को राहत मिल सकेगी। वहीं केंद्र सरकार के अप्रूवल मिलने के बाद अगले साल तक इस पर काम चालू होने की संभावना जताई जा रही है।
इस बारे में लखनऊ मेट्रो की मुख्य महा प्रबंधक जनसंपर्क अधिकारी पुष्पा बेलानी ने बताया कि इसमे कुल 12 मेट्रो स्टेशन हैं, जिसमें 7 अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशन होंगे और 5 एलिवेटेड स्टेशन होंगे। उन्होंने बताया कि अंडर ग्राउंड स्टेशन पूरा जमीन के अंदर होगा। इसमें लखनऊ के लोगों को दिक्कत नहीं होगी। पुष्पा बेलानी ने आगे बताया कि जैसे आपने लखनऊ मेट्रो कॉरिडोर में देखा था, उसी लाइन पर इसका भी काम होता है। प्रॉपर ट्रैफिक मैनेजमेंट और एडवांस में इंटिमेशन देकर डायवर्जन का प्रोसेस फॉलो किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले वाली डीपीआर को अपडेट और मॉडिफाई करके यूपी सरकार को दे दिया है। इसको लेकर एक मीटिंग में डिस्कशन भी हो चुका है। यूपी सरकार से सहमती मिलने के बाद डीपीआर केंद्र सरकार के पास अप्रूवल के लिए जाएगा। केंद्र सरकार से अप्रूव होने के बाद काम चालू हो जाएगा।
लखनऊ मेट्रो के नए स्टेशन ये होंगे
चारबाग से लेकर बसंतकुंज तक के इस रूट में कुल 12 मेट्रो स्टेशन होंगे। चारबाग में भूमिगत स्टेशन बनेगा। इसी तरह गौतमबुद्ध मार्ग, अमीनाबाद, पांडेयगंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल चौराहा और चौक स्टेशन अंडर ग्राउंड स्टेशन बनेंगे। वहीं ठाकुरगंज स्टेशन, बालागंज स्टेशन, सरफराजगंज स्टेशन, मूसाबाग स्टेशन और डे वसंतकुंज स्टेशन समेत सभी पांचों स्टेशन एलिवेटेड स्टेशन बनेंगे।
पांच साल में पूरा होगा लखनऊ मेट्रो का नया फेज
रिपोर्ट के मुताबिक, चारबाग से बसंतकुंज तक ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर की कुल मार्ग लंबाई 11.165 किमी होगी। इसमें एलिवेटेड लंबाई 4.286 किमी होगी, जबकि भूमिगत लंबाई 6.879 किलोमीटर होगी। इस प्रस्तावित कॉरिडोर के पूरा होने का अनुमानित समय 5 साल है। इस परियोजना पर कुल 5034.55 करोड़ रुपये का खर्चा आयेगा।
रिपोर्ट- अभय सिंह
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