मिर्ज़ापुर: उत्तर प्रदेश के विंध्याचल मंडल में परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के देर से आने और जल्दी जाने की शिकायत मिलती रहती है, लेकिन अब ऐसा करना शिक्षकों के लिए आसान नहीं होगा। परिषदीय विद्यालय में शिक्षकों को स्कूल खुलने से 15 मिनट पूर्व आना होगा और छुट्टी होने के आधे घंटे बाद ही जाना होगा। इसको लेकर महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा है। पढ़ाई में सुधार नहीं होने वाले स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
शिक्षा की बढ़ेगी गुणवत्ता, एक दिन पहले तैयार होगा खाका
नक्सल प्रभवित विंध्याचल मंडल में वर्तमान में परिषदीय विद्यालयों के कायाकल्प से लेकर पठन-पाठन की गुणवत्ता में सुधार को लेकर शासन स्तर से विशेष कवायद की जा रही है। हर वर्ष शिक्षा व्यवस्था में कई बड़े बदलाव भी हो रहे हैं। इसके बाद भी इ कई शिक्षक-शिक्षिकाएं समय विद्यालय नही आते हैं और समय से पहले ही निकल जाते हैं। ऐसे शिक्षकों पर लगाम लगाने की कवायद में महानिदेशक के निर्देश के बीएसए ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि सभी शिक्षक स्कूल शुरू होने के 15 मिनट पहले और छुट्टी के 30 मिनट बाद तक रुकेंगे। विद्यालयों में पढ़ाई के लिए निर्धारित अवधि में कोई शिक्षक बाहर नहीं रहेगा।
आधे घंटे तक रुककर तैयार करेंगे पढ़ाई की रूप रेखा
परिषदीय विद्यालय में छुट्टी होने के तुरंत बाद घर भाग जाना शिक्षकों के लिए आसान नही होगा। छुट्टी के 30 मिनट बाद रुककर अगले दिन पढ़ाई की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस दौरान विद्यालयों में उपस्थित रहकर पंजिका तथा अन्य अभिलेख अपडेट करेंगे। विंध्याचल मंडल के जनपद मीरजापुर के 1806 विद्यालय में 319234, सोनभद्र के 2061 विद्यालय में 272619 बच्चे और भदोही के 891 विद्यालयों में 195023 बच्चे अध्ययनरत है। अतिरिक्त समय में शिक्षक ससमय पाठयक्रम पूरा कराना, प्रत्येक बालक की शिक्षा ग्रहण करने के सामर्थ्य का निर्धारण करना, माता व पिता तथा संरक्षक संग नियमित बैठक करके बालक के प्रगति की जानकारी देने के साथ निपुण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए रह संभव प्रयास करने को लेकर शिक्षक कार्य करेगे।
शासन से पत्र मिलने के बाद दिये गए हैं निर्देश
प्रभारी सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा ने बताया कि परिषदीय विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर महानिदेशक का पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र मिलने के बाद सभी बीएसए को दिशा निर्देश जारी किया गया है। इस कवायद के बाद शिक्षकों की नियमित उपस्थिति से बच्चों के पठन-पाठन में अपेक्षाकृत सुधार होगा, जहां बच्चों को भी मानसिक तौर पर मजबूत बनाने को लेकर भी प्रयास किया जाएगा।
रिपोर्ट- मुकेश पाण्डेय
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