प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में जुर्म की दुनिया से राजनीति का सफर तय करने वाला अतीक अहमद (Atique Ahmad) किसी परिचय का मोहताज नहीं है। पिछले करीब चार दशक से प्रयागराज में अतीक का नाम ही काफी रहा। गली के गुंडे से शुरू होकर माफिया और फिर राजनीति के गलियारे में माननीय बनने तक अतीक का दबदबा रहा। अतीक अभी जेल की सलाखों के पीछे है लेकिन उसके काले कारनामे पीछा नहीं छोड़ रहे। योगी सरकार आने के बाद माफिया के खिलाफ ऐक्शन का सिलसिला लगातार जारी है। अतीक अकेला नहीं है, बल्कि उसकी पूरी फैमिली ही पेशेवर है। भाई से लेकर बेटों तक अतीक अहमद ब्रदर्स ऐंड सन्स का जाल फैला हुआ है। और गुर्गे इतने कि गिनती खत्म नहीं होगी।
एक दिन पहले ही अतीक के भाई अशरफ उर्फ खालिद अजीम की प्रॉपर्टी की कुर्की हुई है। प्रयागराज जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर शुक्रवार को बाहुबली अतीक अहमद के भाई अशरफ के नाम दर्ज 14.39 बिस्वा भूखंड को कुर्क किया गया। देवघाट झलवा स्थित इस भूखंड की अनुमानित कीमत 7 करोड़ है। एसपी सिटी संतोष कुमार मीणा ने बताया कि यह कार्यवाही थाना धूमनगंज में दर्ज गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के अंतर्गत की गई है।
अतीक बीते चार साल से अहमदाबाद की साबरमती जेल में बंद है। वहीं अशरफ को गिरफ्तारी के बाद बरेली जेल में रखा गया है। झलवा में कुर्की के दौरान ढोल नगाड़ा भी बजाकर सूचना दी गई। 14.39 बिस्वा यह जमीन कुर्क करने का आदेश 15 नवंबर को जिलाधिकारी ने पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर ही जारी किया था। पुलिस का कहना है कि माफिया अतीक ने अपराध से अर्जित धन से भाई अशरफ के नाम पर यह जमीन खरीदी थी।
अतीक अहमद का काला साम्राज्य
अब तक अतीक अहमद की तकरीबन एक हजार करोड़ की संपत्ति पर ऐक्शन लिया जा चुका है। पुलिस ने प्रयागराज से लेकर राजधानी लखनऊ तक काली कमाई से अर्जित बाहुबली अतीक की संपत्ति को जब्त किया है। 17 साल की उम्र में हत्या के बाद से चर्चा में आया अतीक जरायम की दुनिया के रास्ते राजनीति में दाखिल हुआ। 1989 में पहली बार इलाहाबाद पश्चिम से विधायक बने अतीक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह पांच बार विधायक और 2004 में फूलपुर सीट से एक बार सांसद भी बना। उसके खिलाफ 100 से ज्यादा केस दर्ज हैं।
विधायक मर्डर केस का आरोपी भाई
अतीक के गुनाहों में उसका भाई अशरफ भी बराबर का भागीदार रहा है। साल 2005 में हुई विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई आरोपी अशरफ समेत अन्य आरोपियों पर सीबीआई हत्या का आरोप तय कर चुकी है। इलाहाबाद पश्चिमी से बीएसपी विधायक राजू पाल की दिन-दहाड़े गोलीबारी में हत्या कर दी गई थी। इसमें देवी पाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी। राजू पाल की पत्नी ने थाना धूमनगंज में हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराकर अतीक और अशरफ को नामजद किया था। अशरफ के खिलाफ 33 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। 2020 में कौशांबी से गिरफ्तारी के बाद से वह अभी बरेली जेल में बंद है।
बड़ा बेटा उमर भी निकला हिस्ट्रीशीटर
अतीक का बेटा मोहम्मद उमर भी हिस्ट्रीशीटर है। साल 2018 में लखनऊ के प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को किडनैप कर देवरिया जेल में ले जाकर पिटाई करने के मामले में उमर आरोपी है। लखनऊ के कृष्णानगर थाने में दर्ज एफआईआर को आधार बनाकर ही लखनऊ की सीबीआई स्पेशल क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। इस मामले में अतीक, उमर सहित 18 को नामजद किया गया था। उमर पर 2 लाख का इनाम था। उसने 3 महीने पहले अगस्त 2022 में सरेंडर कर दिया था।
छोटा बेटा अली भी पिता के नक्शेकदम पर
अतीक का छोटा बेटा भी पिता के नक्शेकदम पर आगे बढ़ रहा था। उसके खिलाफ जमीन पर कब्जा करने और प्रॉपर्टी डीलर जीशान से 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप है। पुलिस ने उस पर 25 हजार और फिर राशि बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया था। आरोप लगा कि अली ने दिसंबर 2021 में करेली थाने में प्रॉपर्टी और रंगदारी को लेकर जीशान के घर में जाकर मारपीट की थी। अली ने जेल में बंद पिता अतीक से जीशान की बात भी कराई थी। इसके बाद से अली फरार चल रहा था। उसने जुलाई 2022 में कोर्ट में सरेंडर कर दिया। वह अभी नैनी जेल में बंद है।
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