पूर्वोत्तर रेलवे मवेशी बहुल्य इलाकों में पटरियों के दोनों तरफ आठ फीट ऊंची चहारदीवारी बनवाएगा। इससे पशु ट्रेन की चपेट में नहीं आएंगे और वंदेभारत जैसी हाईस्पीड ट्रेनें अपनी रफ्तार से दौड़ सकेंगी। अभी 136.9 किलोमीटर बाउंड्रीवाल बनाने की मंजूरी मिल गई है। इसमें से 67.9 किलोमीटर पर काम चल रहा है।
रेल पटरियों के किनारे पहले चरण में बाउंड्रीवाल उन रूटों पर बन रही है जो ग्रामीण क्षेत्रों से होकर गुजर रहे हैं और वहां पशुओं की अधिकता है। इसके बन जाने से जहां पशुओं की सुरक्षा हो सकेगी वही ट्रेनें भी लेट नहीं होंगी। इन इलाकों में किसी भी बड़े जानवर के ट्रेन के चपेट में आ जाने से ट्रेन का संचलन एक से डेढ़ घंटे तक प्रभावित हो जाता है।
रोजना ट्रेन से कट जाते हैं दो मवेशी
एनई रेलवे में रोजाना औसतन दो मवेशी ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आते हैं। बीते अप्रैल से अगस्त तक 351 मवेशी कट चुके हैं। वाराणसी मंडल में कप्तानगंज रूट, लखनऊ मंडल में मनकापुर से कटरा रूट और इज्जतनगर में मैलानी रूट पर मवेशियों के कटने की घटनाएं ज्यादा होती हैं।
मंडल
कुल लक्ष्य
इज्जतनगर मंडल
10 किमी
लखनऊ मंडल
74.75 किमी
वाराणसी मंडल
52.175 किमी
पूर्वोत्तर रेलवे में कैटल और मैन रन ओवर की घटनाएं
2020-21 83
2021-22 279
2022 जनवरी से अब तक 297
पूर्वोत्तर रेलवे मवेशी बहुल्य इलाकों में पटरियों के दोनों तरफ आठ फीट ऊंची चहारदीवारी बनवाएगा। इससे पशु ट्रेन की चपेट में नहीं आएंगे और वंदेभारत जैसी हाईस्पीड ट्रेनें अपनी रफ्तार से दौड़ सकेंगी। अभी 136.9 किलोमीटर बाउंड्रीवाल बनाने की मंजूरी मिल गई है। इसमें से 67.9 किलोमीटर पर काम चल रहा है।
रेल पटरियों के किनारे पहले चरण में बाउंड्रीवाल उन रूटों पर बन रही है जो ग्रामीण क्षेत्रों से होकर गुजर रहे हैं और वहां पशुओं की अधिकता है। इसके बन जाने से जहां पशुओं की सुरक्षा हो सकेगी वही ट्रेनें भी लेट नहीं होंगी। इन इलाकों में किसी भी बड़े जानवर के ट्रेन के चपेट में आ जाने से ट्रेन का संचलन एक से डेढ़ घंटे तक प्रभावित हो जाता है।
रोजना ट्रेन से कट जाते हैं दो मवेशी
एनई रेलवे में रोजाना औसतन दो मवेशी ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आते हैं। बीते अप्रैल से अगस्त तक 351 मवेशी कट चुके हैं। वाराणसी मंडल में कप्तानगंज रूट, लखनऊ मंडल में मनकापुर से कटरा रूट और इज्जतनगर में मैलानी रूट पर मवेशियों के कटने की घटनाएं ज्यादा होती हैं।
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