जी-20 ग्रुप की मेजबानी एक दिसंबर से भारत को मिलने वाली है। इसके बाद पूरे एक साल तक जी-20 के कार्यक्रम होने हैं। प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, नोएडा और आगरा को भी जी-20 देशों के कॉन्क्लेव और सेमिनार के लिए चुना गया है। आगरा में 9 व 10 सितंबर 2023 को होने वाली बैठक के लिए स्मारकों में व्यवस्थाएं करने के लिए कहा गया है। जी-20 देशों के प्रतिनिधि ताजमहल, आगरा किला, सिकंदरा, फतेहपुर सीकरी के साथ जफर खां का मकबरा देखने आएंगे।
विदेश मंत्रालय ने प्रशासन और एएसआई को जी-20 देशों की बैठक के लिए पत्र भेजा है। इसमें स्मारकों के अंदर और बाहर की व्यवस्थाएं सुधारने तथा सुविधाएं विकसित करने के लिए कहा गया है। जी-20 की मेजबानी में पूरे साल देशभर में 200 से ज्यादा आयोजन किए जाएंगे, जिनमें कल्चरल कोर ग्रुप की बैठक आगरा में प्रस्तावित है।
चार दिन पहले निगम ने तोड़ दी चहारदीवारी
जी-20 देशों के प्रतिनिधियों के लिए आगरा के जिन स्मारकों को सहेजने, व्यवस्थाएं बेहतर करने के लिए कहा गया है, उनमें वाटरवर्क्स चौराहे पर स्थित जफर खां के मकबरे के नाम भी शामिल है। लाल मस्जिद के नाम से चर्चित जफर खां के मकबरे का सूची में नाम चौंकाने वाला रहा। जी-20 देशों की विजिट से पहले एएसआई चहारदीवारी बनाकर अंदर पार्क और सुंदरीकरण कराने की कवायद कर रहा था।
नगर निगम के प्रवर्तन दल ने बिना नोटिस के ही चार दिन पहले जाकर चहारदीवारी तोड़ दी, जबकि मकबरे से सटे अतिक्रमणों की ओर देखा तक नहीं। इस पर एएसआई ने आपत्ति जताई और पुलिस को नगर निगम के खिलाफ तहरीर दी है। इस मामले में कमिश्नर से प्रशासन के साथ एएसआई के संयुक्त सर्वे की मांग की गई है।
मुमताज महल का बहनोई था जफर खां
वाटरवर्क्स चौराहे पर हाईवे से सटा जफर खां का मकबरा बुरी हालत में हैं, लेकिन मुगल काल में जफर खां बेहद ताकतवर था। वह मुगल बादशाह शाहजहां की बेगम मुमताज महल की बहन फरजाना बेगम का पति था। शाहजहां ने मुमताज की मृत्यु के बाद जफर खां को पंजाब का गवर्नर बना दिया। इसके बाद 1649 में पंजाब, 1650 में दिल्ली और मुल्तान और 1651 में बिहार का गवर्नर बनाया गया।
इतिहासकार ईवा कोच की पुस्तक में दर्ज है कि शाहजहां के दरबार में वह वजीर-ए-कुल यानी वित्त मंत्री रहा। 1658 में सामूगढ़ की लड़ाई के बाद औरंगजेब ने अपनी सत्ता में जफर खां को मालवा का गवर्नर बनाया और रैंक बढ़ा दी। 1670 में जफर खां की मृत्यु पर औरंगजेब ने दो राजकुमारियों को फरजाना बेगम के पास सांत्वना व्यक्त करने भेजा था।
जी-20 ग्रुप की मेजबानी एक दिसंबर से भारत को मिलने वाली है। इसके बाद पूरे एक साल तक जी-20 के कार्यक्रम होने हैं। प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, नोएडा और आगरा को भी जी-20 देशों के कॉन्क्लेव और सेमिनार के लिए चुना गया है। आगरा में 9 व 10 सितंबर 2023 को होने वाली बैठक के लिए स्मारकों में व्यवस्थाएं करने के लिए कहा गया है। जी-20 देशों के प्रतिनिधि ताजमहल, आगरा किला, सिकंदरा, फतेहपुर सीकरी के साथ जफर खां का मकबरा देखने आएंगे।
विदेश मंत्रालय ने प्रशासन और एएसआई को जी-20 देशों की बैठक के लिए पत्र भेजा है। इसमें स्मारकों के अंदर और बाहर की व्यवस्थाएं सुधारने तथा सुविधाएं विकसित करने के लिए कहा गया है। जी-20 की मेजबानी में पूरे साल देशभर में 200 से ज्यादा आयोजन किए जाएंगे, जिनमें कल्चरल कोर ग्रुप की बैठक आगरा में प्रस्तावित है।
चार दिन पहले निगम ने तोड़ दी चहारदीवारी
जी-20 देशों के प्रतिनिधियों के लिए आगरा के जिन स्मारकों को सहेजने, व्यवस्थाएं बेहतर करने के लिए कहा गया है, उनमें वाटरवर्क्स चौराहे पर स्थित जफर खां के मकबरे के नाम भी शामिल है। लाल मस्जिद के नाम से चर्चित जफर खां के मकबरे का सूची में नाम चौंकाने वाला रहा। जी-20 देशों की विजिट से पहले एएसआई चहारदीवारी बनाकर अंदर पार्क और सुंदरीकरण कराने की कवायद कर रहा था।
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