रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर विधानसभा सीट के लिए उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर आकाश सक्सेना पर भरोसा जताया है। आकाश सक्सेना, आजम खान के खिलाफ 41 मामलों में वादी हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खान ने पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ पर जो बयान दिया था, उसे लेकर कोर्ट तक पहुंचने वाले भी आकाश सक्सेना भी थे। अज्ञात सक्सेना ने हेट स्पीच मामले की लड़ाई एमपी एमएलए कोर्ट से लेकर सेशन कोर्ट तक जोरदार तरीके से लड़ी। नतीजा यह रहा कि रामपुर से 10 बार विधायक रहे आजम खान के राजनीतिक कैरियर पर अब ग्रहण लगता दिख रहा है। इस बार के चुनाव में आजम उम्मीदवार नहीं बन पाएंगे। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत 3 साल की सजा सुनाए जाने के आधार पर विधायकी चली गई है। 6 साल तक चुनाव लड़ने से रोक लगा दिया गया है।
आजम खान के खिलाफ अगर एमपी एमएलए कोर्ट की सजा पर रोक नहीं लगती है तो जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत वर्ष 2031 तक चुनावी मैदान में नहीं उतर पाएंगे। ऐसे में आकाश सक्सेना के सामने रामपुर में अपनी क्षमता प्रदर्शित करने का मौका होगा। रामपुर लोकसभा सीट बड़ा उदाहरण है। आजम खान के सांसदी से इस्तीफे के बाद हुए उप चुनाव में घनश्याम लोधी ने जीत दर्ज कर बड़ा खेल कर दिया है। समाजवादी पार्टी का पुराना किला यहां ढहा। ऐसे में अब आकाश सक्सेना पर हर किसी की नजर रहने वाली है। रामपुर सदर सीट से आजम खान 10 बार विधायक रहे हैं। करीब 4 दशक तक इस सीट पर आजम खान का दबदबा रहा है। ऐसे में अब समाजवादी पार्टी और आजम खान किसे अपना चेहरा बनाते हैं, देखना दिलचस्प होगा।
हेट स्पीच केस में गई आजम की विधायकी
आजम खान की विधायकी हेट स्पीच केस में चली गई है। इस केस के पीछे भी आकाश सक्सेना का हाथ था। वर्ष 2019 में स्वार सीट से विधायक और आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की सदस्यता गई थी, उसके पीछे भी आकाश ही थे। आकाश ने अब्दुल्ला के फर्जी प्रमाण पत्र का मामला उठाया था। अब आजम के राजनीतिक करियर पर ग्रहण लगाने वाले आकाश पर भाजपा ने दांव लगा दिया है। आकाश पेशे से व्यवसायी हैं। वे पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के बेटे हैं। आजम खान के खिलाफ यूपी चुनाव 2022 में किस्मत आजमा चुके हैं। हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने हेट स्पीच केस में पैरवी तेज की। दरअसल, आजम खान ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मिलक कोतवाली इलाके के खातानगरिया गांव में जनसभा को संबोधित करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था।
आजम ने जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों पर भी निशाना साधा था। आकाश सक्सेना ने इसी मामले और भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। आजम खान के इस बयान का वीडियो भी वायरल हुआ था। रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट का फैसला इसी केस में आया है। 21 अक्टूबर को कोर्ट ने सजा की सुनवाई पूरी कर ली थी। गुरुवार को कोर्ट ने आजम खान को इस मामले में दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुना दी।
आजम के खिलाफ लड़ते रहे हैं कानूनी लड़ाई
आजम खान इस समय करीब 87 कानूनी मामलों में फंसे हुए गए हैं। इनमें से करीब 43 मामलों में आकाश सक्सेना वादी पक्ष में खड़े दिखते हैं। जनवरी 2018 में आजम के बेटे के फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट मामले से शुरू हुई यह लड़ाई अब आजम की विधायकी गंवाने तक पहुंच चुकी है। आकाश ने ही हेट स्पीच मामले में भी शिकायत दर्ज कराई थी। बर्थ सर्टिफिकेट मामले में आजम को परिवार के साथ जेल भी जाना पड़ा था। आकाश सक्सेना के पिता रामप्रकाश गुप्ता, कल्याण सिंह,राजनाथ सिंह और राम प्रकाश गुप्ता सरकार में मंत्री रह चुके हैं। शिव बहादुर सक्सेना भाजपा से चार बार विधायक रहे हैं।
बड़े अंतर से मिली थी हार
यूपी चुनाव 2022 के मैदान में आजम खान के खिलाफ रामपुर के चुनावी मैदान में उतरे आकाश सक्सेना हनी 55 हजार से अधिक वोटों से हारे थे। यूपी चुनाव 2022 में रामपुर शहर सीट पर तत्कालीन सांसद आजम खान को 1,30,649 वोट मिला। उनके खिलाफ उतरे भाजपा के आकाश सक्सेना को 75,411 वोटों से संतोष करना पड़ा था। इस प्रकार आजम खान 55,238 वोटों से जीत हासिल की। हालांकि, यूपी चुनाव 2022 के रिजल्ट प्रकाशन के महज 7 माह के भीतर कानूनी लड़ाई में कद्दावर आजम खान को आकाश ने कोर्ट में मात दे दी। यूपी चुनाव 2022 में दायर एफिडेविट के आधार पर आकाश सक्सेना की कुल संपत्ति 5.40 करोड़ रुपये है।
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