मुजफ्फरनगर में मंसूरपुर क्षेत्र के गांव नरा में ग्रामीणों ने बताया कि मृतक मोहम्मद हसन व सलमान में दोस्ती थी। दोनों का रोजाना मिलना जुलना होता था। घटना वाले दिन सलमान ने मोहम्मद हसन को घर बुलाया था और वहां पर कहासुनी होने पर तलवार से वार कर हत्या कर दी और शव गड्ढा खोदकर दबा दिया। बाद में कमरे में पक्का फर्श करा दिया। जहां शव दबाया था, उसी के ऊपर चारपाई डालकर वह चार साल तक सोता रहा।
सलमान पिछले कई साल से गुमसुम रहता था और किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। इसकी वजह किसी को पता नहीं थी। अब लोग कहने लगे हैं कि हत्या करने के कारण ही उसकी यह स्थिति थी। प्रारंभिक पूछताछ के बाद पुलिस भी उसके अवसाद में होने की वजह हत्या ही मान रही है। जिस समय हसन की हत्या की गई, उन दिनों सलमान घर पर अकेला रहता था। घटना के समय आरोपी के परिजन पसौंडा गाजियाबाद में रहते थे।
नरा निवासी गबरू के पांच बेटों में हसन दूसरे नंबर का था। उसके अलावा सलीम, दीन मोहम्मद, नूर मोहम्मद और शकील चार बेटे हैं। हसन गांव में मेहनत मजदूरी करता था। उसके परिवार में पत्नी नाजमा और दो बेटी खुशबू, मेहरान व बेटा शायान व मेहरा हैं। मोहम्मद हसन 25 नवंबर 2018 को मजदूर करने के लिए निकला था और इसके बाद वह वापस नहीं आया था।
हसन का कुछ पता चला… पता कैसे चलेगा, मैंने ही उसे मार दिया
गांव में एक मौत होने पर कब्रिस्तान में मोहम्मद हसन का बड़ा भाई सलीम और उनके घर से कुछ दूरी पर रहने वाला सलमान भी गया था। सलमान ने बातों-बातों में सलीम से पूछा कि उसके लापता भाई हसन का कुछ पता चला… सलीम ने इन्कार किया तो आरोपी बोला पता कैसे चलेगा, उसी दिन मैंने उसे मार दिया था।
सलीम ने यह जानकारी अपने परिजनों को भी दी। सलमान की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण परिजनों को भी उसके दावे पर यकीन नहीं हुआ। बाद में उसने और भी कई ग्रामीणों से यह बात कही। कुछ लोगों ने उसका वीडियो वायरल कर दिया। इसके बाद शनिवार सुबह लगभग साढ़े नौ बजे सलीम अपने परिजनों के साथ सलमान के घर पहुंचा और सलमान के बताए स्थान कमरे के फर्श को हथौड़ों से तोड़ना शुरू कर दिया। गड्ढे से पहले एक चप्पल और एक हड्डी मिली तो परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। मंसूरपुर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिजनों, ग्रामीणों की मदद से गड्ढे की खुदाई कराई तो वहां से कंकाल निकल आया, जिसके बाद पुलिस ने सलमान को हिरासत में ले लिया।
खुदाई होती रही और परिजनों का कलेजा मुंह को आता रहा
जिस गड्ढे में मोहम्मद हसन की हत्या कर शव दबाया था। वह पांच से छह फुट गहरा था। परिजनों, ग्रामीण पुलिस की मौजूदगी में गड्ढा खोदा जा रहा था, जैसे-जैसे मिटटी बाहर आ रही थी वैसे-वैसे परिजनों का कलेजा मुंह को आ रहा था। लगभग पांच घंटे की खुदाई के बाद गड्ढे में एक कंकाल दिखाई दिया तो परिजनों की चीत्कार दूर तक गूंज गई। माहौल गमगीन हो चला था। ग्रामीणों ने किसी तरह मृतक मोहम्मद हसन के पिता गबरू, भाई सलीम व अन्य को संभाला।
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