रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर में भले की लड़ाई कानूनी चल रही हो, लेकिन यह आजम खान जैसे सीनियर नेता के करियर से जुड़ी हुई थी। इसलिए हर किसी की निगाह इस पर जमी हुई थी। शाम करीब 5 बजे कोर्ट ने दिन भर की सुनवाई के बाद फैसला सुनाया। इसमें आजम खान को राहत नहीं दी गई। आजम के खिलाफ आए फैसले के बाद उनके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे आकाश सक्सेना ने एक बार फिर करारा हमला बोला। कोर्ट के फैसले को उन्होंने न्यायिक जीत करार दिया। साथ ही, आजम के खिलाफ कोर्ट में गलत तरीके से बातों को पेश करने का आरोप लगाया। वहीं, कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए आकाश सक्सेना की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि आजम खान के केस के मामले के अब चैप्टर क्लोज हो गया है। कोर्ट का फैसला आ गया है। आगे निर्णय चुनाव आयोग को लेना है।
आकाश सक्सेना ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना। आजम खान की तमाम अपीलों को सुनने के बाद उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया। आकाश ने कहा कि वे लोग सुबह से ही झूठ का सहारा लिए हुए थे। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को उन्होंने जो आवेदन डाली थी, उसमें उन्होंने मंगलवार को सेशन कोर्ट में आवेदन करने की बात कही। यह गलत है। आवेदन पर कोई तिथि अंकित नहीं की गई थी। हमारी तरफ से भी यह मामला रखा गया। कोर्ट ने भी इन चीजों को समझा और अपना आदेश दिया।
उप चुनाव पर भी कही बड़ी बात
आकाश सक्सेना ने उप चुनाव पर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि उप चुनाव का मामला चुनाव आयोग से संबंधित है। उसको लेकर कोई बात नहीं कहेंगे। आज के संदर्भ में एक ही बात कही जा सकती है कि आजम खान को कोई राहत कोर्ट की ओर से नहीं मिली है। एमपी एमएलए कोर्ट की ओर से जो तीन साल की सजा सुनाई गई थी, वह बरकरार है। इस आधार पर उनकी सदस्यता खत्म हो गई है।
वकील ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का दिया हवाला
आकाश सक्सेना की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत हेट स्पीच और आचार संहिता उल्लंघन के मामले में आदेश जारी किया गया था। एमपी एमएलए कोर्ट की ओर से जारी आदेश को स्टे कराने का उनका पूरा प्रयास एक चुनाव लड़ने के लिए ही था। यह एक महत्वपूर्ण बिंदु था, जिस पर चुनाव आयोग ने भी गौर किया है। अब आगे निर्वाचन आयोग की ओर से निर्णय होना है। उन्होंने कहा कि इस केस में अब आगे कुछ होता नहीं दिख रहा है।
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