कौशांबी: जिले के चरवा थाना क्षेत्र की एक दुष्कर्म पीड़ित किशोरी को जान मुश्किल में है। उसे जिला अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। वारदात के बाद पीड़ित किशोरी को गर्भ ठहर गया। जिसके बाद से उसकी तबीयत बिगड़ती जा रही है। कोर्ट ने पीड़ित किशोरी की पिता की गुहार पर मेडिकल बोर्ड गठित कर गर्भपात करने का आदेश जारी किया, लेकिन इसके बाद भी स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार अफसर कोर्ट के आदेश के 15 दिन बाद भी गर्भपात कराये जाने पर कोई ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं।
कौशांबी के चरवा थाना क्षेत्र के एक गांव रहने वाली किशोरी से गांव के युवक ने जबरन दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। पीड़ित को घटना के बारे में किसी को बताने पर उसकी पिता को जान से मारने की धमकी दी गई। जिसके चलते उसने वारदात के बारे में किसी को नहीं बताया। पीड़ित किशोरी को अगस्त में पेट दर्द की शिकायत हुई। जिसके बाद परिजन उसे डॉक्टर के पास लेकर गए। जहां उन्हें अपनी बेटी के गर्भवती होने की जानकारी हुई। पीड़ित पिता ने बताया कि उसने डॉक्टरी जांच कराई तो बेटी के पेट में 2 माह का गर्भ निकला। थाना पुलिस से इन्साफ की गुहार लगाई। बड़ी मुश्किल से पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई बेटी में हो रहे शारीरिक बदलाव के चलते उसकी तबीयत खराब रहने लगी। डॉक्टरों के इलाज से भी उसे राहत नहीं मिली। पीड़ित पिता ने जिला अदालत में गुहार लगाकर बेटी का गर्भपात कराए जाने की अनुमति मांगी। कोर्ट ने पीड़ित की हालत और डॉक्टरी रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य महकमे में सीएमओ एवं सीएमएस को पीड़ित के गर्भपात कराए जाने के लिए मेडिकल बोर्ड गठित करने और जल्द से जल्द गर्भपात कराये जाने का आदेश दिया। पीड़ित पिता ने बताया कि अदालत के आदेश को 15 दिन का समय बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। पीड़ित बेटी की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है।
वहीं, सीएमओ डॉ. सुस्पेंद्र सिंह ने बताया कि पीड़ित किशोरी के मामले में मेडिकल बोर्ड गठित कर पीड़ित का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया है। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को अदालत को प्रेषित किया गया है। अग्रिम आदेश के क्रम में कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
रिपोर्ट-अशोक विश्वकर्मा
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