गोरखपुर जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इन मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत सबसे अधिक है। लेकिन, जिला अस्पताल में खून से प्लेटलेट्स को अलग करने वाली ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन खराब हो गई है। इससे डेंगू मरीजों के तीमारदारों को प्लेटलेट्स के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक, जिले में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इनमें डेंगू से लेकर मलेरिया, डायरिया सहित अन्य बीमरियां शामिल हैं। इसकी वजह से जिला अस्पताल से लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में बेड भी फुल हो गए हैं। इन सबके बीच जिला अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन खराब हो जाने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।
मशीन के खराब होने के कारण डोनर होने के बावजूद उन्हें प्लेटलेट्स नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि डोनर के खून से इस मशीन से ही प्लेटलेट्स अलग कर मरीज को चढ़ाया जाता है। मशीन के खराब होने से ऐसे मरीज जिन्हें प्लेटलेट्स की जरूरत है, उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा है। इससे बीआरडी में भी मरीजों का दबाव बढ़ता जा रहा है।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इस बार राहत यह है कि कम मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ रही है। दवाओं से मरीज ठीक हो जा रहे हैं। तीन से चार प्रतिशत मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ी है, जिसे बीआरडी से मंगाया गया है। जबकि, तीन से चार मरीजों को बीआरडी रेफर किया गया है। जिला अस्पताल के एसआईसी डॉ. राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि मशीन खराब होने की जानकारी है। इसे बनवाने के लिए इंजीनियर को बुलाया गया है। जल्द ही मशीन को ठीक करा दिया जाएगा।
डेंगू के कुछ मरीज बिहार के रहने वाले हैं। इनके नाम जनपद की सूची में स्वास्थ्य विभाग ने शामिल नहीं किए हैं। इन मरीजों का इलाज बीआरडी से लेकर जिला अस्पताल में चल रहा है। बताया जा रहा है कि बिहार के गोपालगंज के कुछ खास इलाकों से आने वाले मरीजों का प्लेटलेट्स काफी कम हो जा रहा है। इसकी वजह से उन्हें प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ रही है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अमरेश सिंह ने बताया कि अब तक डेंगू का कौन सा स्ट्रेन मिल रहा है, इसकी जानकारी नहीं हो पाई है। लेकिन, जिस तरह से मरीजों ठीक हो जा रहे हैं। इससे यह साबित हो रही है कि इस बार डेंगू का स्ट्रेन कमजोर है। रही बात बिहार के मरीजों की तो, वहां के स्ट्रेन में बदलाव हुआ होगा, तभी मरीजों की स्थिति गंभीर हो रही है।
गोरखपुर जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इन मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत सबसे अधिक है। लेकिन, जिला अस्पताल में खून से प्लेटलेट्स को अलग करने वाली ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन खराब हो गई है। इससे डेंगू मरीजों के तीमारदारों को प्लेटलेट्स के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है।
जानकारी के मुताबिक, जिले में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इनमें डेंगू से लेकर मलेरिया, डायरिया सहित अन्य बीमरियां शामिल हैं। इसकी वजह से जिला अस्पताल से लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में बेड भी फुल हो गए हैं। इन सबके बीच जिला अस्पताल में ब्लड कंपोनेंट सेपरेटर मशीन खराब हो जाने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।
मशीन के खराब होने के कारण डोनर होने के बावजूद उन्हें प्लेटलेट्स नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि डोनर के खून से इस मशीन से ही प्लेटलेट्स अलग कर मरीज को चढ़ाया जाता है। मशीन के खराब होने से ऐसे मरीज जिन्हें प्लेटलेट्स की जरूरत है, उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा है। इससे बीआरडी में भी मरीजों का दबाव बढ़ता जा रहा है।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इस बार राहत यह है कि कम मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ रही है। दवाओं से मरीज ठीक हो जा रहे हैं। तीन से चार प्रतिशत मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ी है, जिसे बीआरडी से मंगाया गया है। जबकि, तीन से चार मरीजों को बीआरडी रेफर किया गया है। जिला अस्पताल के एसआईसी डॉ. राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि मशीन खराब होने की जानकारी है। इसे बनवाने के लिए इंजीनियर को बुलाया गया है। जल्द ही मशीन को ठीक करा दिया जाएगा।
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