यूपी के शाहजहांपुर के एक युवक की सात महीने पहले सऊदी अरब के जेद्दा में हो गई थी। इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी अब तक उसका शव भारत नहीं आ पाया है। परिवार शव भारत आने और उसका अंतिम संस्कार करने के लिए इंतजार कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ पत्नी ने वहीं अंतिम संस्कार की सहमति दे दी है।
हाइलाइट्ससऊदी अरब में हुई शाहजहांपुर के युवक की मौतभारत में सात महीने से शव आने का इंतजार कर रहा परिवारयुवक की मार्च 2022 में मौत होने के बाद अगस्त में मिली सूचनाशाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से नौकरी करने जेद्दा (सऊदी अरब) गए एक युवक की मौत हो गई और सात महीने बाद भी उसके शव को भारत नहीं लाया जा सका। परिजन उसका शव अपने देश में लाकर उसका अंतिम संस्कार करना चाहते हैं। हालांकि मृतक युवक की पत्नी ने जेद्दा में ही अंतिम संस्कार करने की अनुमति दे दी है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) एस आनंद ने बताया कि मोहम्मद आलम (35) नौकरी करने जेद्दा गए थे और उनके परिजन यहां रहते हैं। उन्होंने बताया कि सात महीन पहले आलम की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि जैसे ही मामला उनके संज्ञान में आया, मृतक के परिजनों को ढूंढ कर उन्हें दूतावास से भेजी गई सूचना और सहमति पत्र के बारे में भी बता दिया। इसके बाद मृतक की मां और भाई ने इसको लेकर सहमति दे दी कि वे चाहते हैं कि उनके भाई का शव यहां भारत लाया जाए।
उन्होंने बताया कि वहीं मृतक की पत्नी फरहीन ने जेद्दा में रह रहे अपने किसी परिचित को अधिकृत पत्र भेज दिया है कि वह उसके पति का अंतिम संस्कार जेद्दा में ही कर दे। उन्होंने बताया कि मृतक की पत्नी द्वारा भेजे गए अधिकृत पत्र में यह कहा गया है कि वह दूतावास को बताकर शव प्राप्त कर सकते हैं। वहीं पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाए क्योंकि काफी समय से उनके पति का शव एक मेडिकल सेंटर में रखा हुआ है। आनंद ने बताया कि मृतक के परिवार की भावनाएं और इच्छा के तहत ही वह मृतक के परिजनों की पूरी मदद कर रहे हैं और उन्हें सारी स्थिति से अवगत भी करा दिया गया है। मार्च में हुई मौत, अगस्त में मिली सूचनाशहर के थाना कोतवाली अंतर्गत मोहम्मद शाह मोहल्ले में रहने वाले आफताब आलम ने बताया कि उनका भाई मोहम्मद आलम जेद्दा में नौकरी करने के लिए 2013 में गया था। कोविड-19 के बाद जब वह दोबारा गया तो 30 मार्च 2022 को उसकी वहीं मौत हो गई। आफताब ने बताया कि इसकी सूचना उन्हें 24 अगस्त को भारतीय दूतावास के माध्यम से मिली। तब पूछा गया था कि वह अपने भाई के शव को भारत लाना चाहता हैं या अपने किसी परिचित के माध्यम से वहीं अंतिम संस्कार कराना चाहते हैं। भारत में करना चाहते है अंतिम संस्कारआफताब आलम ने बताया कि इस सूचना पर पांच दिन के अंदर कागजी कार्यवाही पूरी करते हुए इस आशय की सहमति जेद्दा भेज दी गई कि वह अंतिम संस्कार अपने देश भारत में ही करना चाहते हैं। आफताब ने बताया कि सात महीने के दौरान उनकी 85 वर्ष की बूढ़ी मां मरियम बेगम की रोते-रोते आंखें पथरा गई हैं और उन्हें अब आंखों से कम दिखाई देने लगा है। उन्होंने कहा कि इस दौरान उनके यहां ईद, बारावफात सहित कोई त्यौहार भी नहीं मनाया गया। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि मेरे भाई का शव यहां लाया जाए और हम लोग उसका अंतिम संस्कार अपने देश भारत में ही करें।
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