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लैंड बैंक को बढ़ाए जाने पर जोर

प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग नितिन रमेश गोकर्ण द्वारा प्राधिकरणों एवं आवास विकास परिषद के अन्तर्गत लैंड बैंक की समीक्षा की गई तथा लैंड बैंक को बढ़ाये जाने पर जोर दिया।
समीक्षा में अवगत कराया गया कि उ०प्र० आवास एवं विकास परिषद, समस्त विकास प्राधिकरणों तथा वि०क्षे० विकास प्राधिकरणों के अन्तर्गत माह अगस्त, 2022 की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार उ०प्र० आवास एवं विकास परिषद, समस्त विकास प्राधिकरणों तथा वि०क्षे० विकास प्राधिकरणों के अन्तर्गत नियोजन हेतु कुल 4532.06 हेक्टेयर भूमि शेष है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में झांसी विकास प्राधिकरण द्वारा ही 6.07 हे0 भूमि अर्जित की गयी है। इसी प्रकार विकास प्राधिकरण आजमगढ (1.04 हे0), बांदा (0.88 हे0), खुर्जा (2.69 हे०) तथा उरई (1.41 हे0) के साथ ही वि०क्षे० विकास प्राधिकरण कुशीनगर में (0.97 हे0) लैण्ड बैंक है। अयोध्या बागपत, बस्ती, बुलन्दशहर, फिरोजाबाद, मिर्जापुर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, रायबरेली, रामपुर, सहारनपुर व वाराणसी विकास प्राधिकरणों तथा कपिलवस्तु व चित्रकूट वि० क्षे० विकास प्राधिकरणों में लैण्ड बैंक के प्रयास गतिमान है।
लैण्ड बैंक के सम्बन्ध में मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में गजरौला में लगभग 690 हे0 भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव है। बुलन्दशहर द्वारा अवगत कराया गया कि लगभग 20 हे0 भूमि को आपसी समझौते के माध्यम से क्रय किये जाने का प्रस्ताव प्रगति पर है। मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण द्वारा अवगत कराया गया कि आपसी समझौते के आधार पर 6.50 हे0 भूमि का प्रस्ताव फाइनल कर दिया गया था, परन्तु स्थानीय जनों की आपत्ति के कारण अग्रेतर कार्यवाही नही की जा सकी है, वर्तमान में अन्य भूमि की तलाश की जा रही है। रायबरेली द्वारा अवगत कराया गया कि लगभग 5 हे0 भूमि को आपसी समझौते के माध्यम से क्रय किये जाने का प्रस्ताव प्रगति पर है। सहारनपुर विकास प्राधिकरण द्वारा अवगत कराया गया कि मल्हीपुर रोड पर 70 बीघा जमीन को अधिग्रहीत किये जाने हेतु किसानों से वार्ता की जा रही है। वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि अर्जन किये जा रहे प्रयासों से अवगत कराया गया। वही झांसी विकास प्राधिकरण द्वारा अवगत कराया गया कि प्राधिकरण द्वारा 6.07 हे0 भूमि अर्जित की गयी है।
प्रमुख सचिव ने  कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में अभिकरणों द्वारा 6500 हे0 लैण्ड बैंक के लक्ष्य को पूर्ण किये जाने हेतु सकारात्मक प्रयास किये जाये। इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाये तथा तदनुसार समस्त अभिकरण लक्ष्य निर्धारित करते हुए लैण्ड बैंक का सृजन करें। ऐसे प्राधिकरण जहॉ लैण्ड बैंक शून्य है अथवा 3 हे0 से कम है, के साथ पृथक से बैठकों का आयोजन कराने के निर्देश दिये गये।