मेरठ के किठौर थानाक्षेत्र निवासी पिंकी के सौतेले पिता को उसे चाल-चलन पर शक था। वह बेटी की हरकतों से परेशान था और उससे छुटकारा पाना चाहता था। इसके लिए उसने एक तरकीब सोची और ठेकेदार को फंसाकर उसकी करोड़ों की जमीन कब्जाने की योजना बनाई। एक तीर से दो निशाने साधने के लिए उसने अपनी ही बेटी को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस पूछताछ में आरोपी पिता ने सारा सच उगल दिया।
पुलिस पूछताछ में पिता की जुबान लड़खड़ाते ही हत्या की पूरी गुत्थी सुलझ गई है। जांच पड़ताल में सामने आया है कि आरोपी पिता विनोद ने एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश की। बेटी के चरित्र पर विनोद को शक था। वह बेटी को मारकर खादर में डेरावाला में खेती-बाड़ी करना चाहता था, जिसमें ठेकेदार कालू अड़ंगा लगा रहा था। दोनों मकसद पूरे करने के लिए विनोद ने ठेकेदार कालू को बेटी की हत्या में नामजद आरोपी बनाकर उसे फंसाने की योजना बनाई और बेटी को मौत की भेंट चढ़ा दिया।
बेटी से पाना चाहता था छुटकारा
किठौर थाना क्षेत्र के तेजपुरी गांव में 15 साल की पिंकी की हत्या का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। खादर क्षेत्र में करोड़ों की जमीन पर कब्जे की नीयत और एक ठेकेदार को फंसाने की मंशा से पिता विनोद ने ही सौतेली बेटी पिंकी को मार डाला था। ऐसा करके वह मानसिक रूप से बीमार पिंकी से पीछा छुड़ाना चाहता था और उसकी हत्या के आरोप में ठेकेदार कालू को फंसाना चाहता था, लेकिन छानबीन के बाद जो सच सामने आया, उससे पुलिस भी हैरान रह गई। आरोपी विनोद को गिरफ्तार कर लिया गया।
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सात दिन पहले बेटी को मारी थी गोली
तेजपुरी गांव में पिंकी को सात दिन पहले गोली लगी थी। ये गोली खुद उसके पिता ने ही मारी थी। गुरुवार रात पिंकी की मौत हो गई थी। पिता विनोद ने परीक्षितगढ़ शेरावानी गांव निवासी कालू के खिलाफ बेटी की हत्या का केस दर्ज कराया गया। आरोप है कि ठेकेदार कल्लू के पास विनोद भी काम करता था। कालू पर कुछ रुपये बकाया थे। पुलिस के मुताबिक विनोद ने बताया कि खादर में बाबा बिसरा सिंह की जमीन की देखरेख ठेकेदार कालू करते हैं। इस जमीन पर कब्जा करने के लिए बढ़ला आलमगीर गांव के कुछ लोग लगे हुए हैं। इसे लेकर दोनों पक्षों में विवाद चल रहा है। दूसरे पक्ष ने विनोद से सेटिंग कर ली। इसके बाद विनोद ने बेटी की हत्या कर ठेकेदार कालू को नामजद आरोपी बनाया।
बार बार बयान बदलता रहा आरोपी पिता
पुलिस के मुताबिक आरोपी पक्ष का मकसद था कि अगर ठेकेदार कालू हत्या के मामले में जेल चला जाएगा तो बाबा बिसरा सिंह की जमीन पर उसका कब्जा हो जाएगा। इसके चलते ठेकेदार के करीबी नौकर विनोद को मोहरा बनाया। पुलिस ने विनोद और कालू से अलग-अलग बात की तो मामला खुलता चला गया।
लोगों को नहीं थी घटना की जानकारी
सीओ किठौर अमित कुमार राय का कहना कि जिस दिन पिंकी को गोली मारी गई, इसके बारे में आसपास के लोगों को जानकारी नहीं है। अमूमन गोली की घटना के बाद आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंच जाते है। गुरुवार को पिंकी की मौत हुई और विनोद मुकदमे में हत्या की धारा लगवाने थाने पहुंच गया। इस पर पुलिस को शक हुआ। बाद में पता चला कि पिंकी सौतेली बेटी थी। विनोद बार-बार बयान बदलता रहा और फिर उसकी जुबान खुल ही गई।
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