प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ग्राम्य विकास विभाग के कार्यों में और अधिक तेजी लाई जाए। इसके लिए लगातार समीक्षा और अनुश्रवण किया जाय।फील्ड का भ्रमण कर जमीनी हकीकत को परखा जाय। ठोस व प्रभावी रणनीति बनाते हुये पूरी टीम भावना से कार्य करते हुये विभाग द्वारा उत्कृष्ट परिणाम हासिल किये जाय। कहा कि ग्राम्य विकास विभाग की सभी योजनाओं के (की परफारमेंस इंडिकेटर्स) के.पी.आई बनाए जाएं और तदनुरूप मानीटरिग की जाय। सभी योजनाओं के प्रभारियों को टारगेट आवंटित किए जाए। ग्राम्य विकास विभाग हर 06 माह का रोडमैप तैयार करे और लक्ष्य से आगे बढ़कर परिणाम दें। श्री केशव प्रसाद मौर्य शुक्रवार को विधान भवन में कार्यालय में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन व प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उप मुख्यमंत्री श्री मौर्य ने निर्देश दिए कि गांव, गरीब के लिए चलाई जा रही योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में कोई कोर कसर बाकी न रखी जाए।
महिला स्वावलंबन व सशक्तीकरण के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित योजनाओं पर विशेष रूप से फोकस करने के निर्देश दिए। कहा कि बी.सी. सखी, विद्युत सखी, महिला किसान परिवारों को कृषि आजीविका संवर्धन, महिला सामर्थ्य योजना, महिला मेटों को कार्य, मनरेगा में महिलाओं की सहभागिता, प्रेरणा ओजस, ग्रामीण आजीविका एक्सप्रेस योजना, प्रेरणा कैंटीन, स्वयं सहायता समूहों द्वारा पुष्टाहार वितरण, समूह सदस्यों द्वारा उचित दर की दुकानों का संचालन, सामुदायिक शौचालयों के प्रबन्धन आदि महिला सशक्तीकरण के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर विशेष रूप से फोकस किया जाए।
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ग्राम्य विकास विभाग के सभी भवनों को एक यूनिक कलर से पेन्ट कराकर एकरूपता लाई जाए और सभी भवनों पर ग्रामोत्थान विषयक प्रेरक स्लोगन लिखाए जाएं। कहा कि ग्राम्य विकास विभाग का लोगो बनाया जाए। निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के सभी 26 लाख लाभार्थियों के घरों पर एक्रेलिक शीट पर प्लेट लगाई जाए, जिस पर लाभार्थी के फोटो के साथ अन्य विवरण दर्शाया जाय। कहा कि पी एम आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों को सभी अनुमन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। इस योजना में अनुमन्य सभी सुविधाओं का लाभ शत प्रतिशत मिला है कि नहीं इसका सत्यापन भी करा लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि मनरेगा में भुगतान में कोई विषमता नहीं रहनी चाहिए, नियमानुसार सभी के देयकों का भुगतान समय से हर हाल में कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन मे एक कारगर सिस्टम डेवलप कर भुगतान संबंधी समस्त समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाय। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत विलेज एग्रीगेशन सेंटर बनाने की दिशा में प्रभावी कार्रवाई की जाए। कहा कि स्वयं सहायता समूहों की आमदनी बढ़ाने के लिए सी.आई.बी. बोर्ड (कामन इनफार्मेशन बोर्ड) बनाने में स्वयं सहायता समूहों को अधिक से अधिक कार्य दिया जाय। कहा कि ग्राम्य विकास विभाग के कार्य धरातल पर स्पष्ट रूप से नजर आने चाहिए। टी.एच.आर. (टेक होम राशन) प्लान्ट्स के निर्माण कार्य को समय से पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों के निर्माण के उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं और इस कार्य की चारों ओर प्रशंसा हो रही है। कहा कि अमृत सरोवरों के आस पास पड़ी सरकारी जमीन की बैरिकेटिंग करते हुए वृक्षारोपण कराया जाए, ताकि उस जमीन पर अवैध रूप से अतिक्रमण न होने पाए।
श्री मौर्य ने निर्देश दिए कि विभाग में अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों और प्रधानों आदि को प्रोत्साहित किया जाए, उन्हें पुरुस्कृत किया जाए। विभाग के उल्लेखनीय कार्यों का प्रचार प्रसार किया जाए। स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों के विपणन के लिए उपयुक्त बाजार उपलब्ध कराने के संबंध में कार्यवाही की जाए। कहा कि राज्य ग्राम्य विकास संस्थान प्रशिक्षण कार्यक्रमों में और अधिक तेजी लाए। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के गठन में और अधिक तेजी लाने के निर्देश दिए।
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