मेरठ के श्रद्धापुरी से लेकर गोकलपुर तक मेट्रो चलाने की कवायद को पंख लगने शुरू हो गए हैं। नगर विकास विभाग की ओर से एमडीए और नगर निगम को जिम्मेदारी दी गई है। नगर निगम शहर में कॉम्प्रेहेंसिव मॉबिलिटी प्लान (यातायात अध्ययन) तैयार करेगा।
इससे मेट्रो को चलाने के लिए वाहनों की संख्या, यात्रियों की संख्या के बारे में पता चल सकेगा। साल 2017 में कॉम्प्रेहेंसिव मॉबिलिटी प्लान तैयार किया गया था, जिसकी 2022 में वैधता खत्म हो गई है। अब 2022 में दोबारा से प्लान तैयार करना होगा। इसके बाद एमडीए मेरठ में मोनो रेल के लिए राइट्स को जिम्मेदारी सौंप देगा।
साल 2017 में मेरठ में उत्तरी क्षेत्र (श्रद्धापुरी से गोकलपुर तक) मेट्रो चलाने के लिए सर्वे किया गया था। स्टेशन भी तय कर दिए गए थे। एमडीए में मेट्रो सेल का शुभारंभ भी तत्कालीन कमिश्नर आलोक सिन्हा ने किया था लेकिन सभी कार्य फाइलों में चलते रहे।
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अब मेरठ में बढ़तेे यातायात को देखते हुए सरकार मेट्रो चलाने के लिए ध्यान दे रही है। इसके लिए दक्षिण क्षेत्र (दिल्ली रोड) पर रैपिड रेल के ट्रैक पर ही मेट्रो का संचालन किया जाना प्रस्तावित है। इस ट्रैक पर कार्य भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम की ओर से किया जा रहा है।
इन विकल्पों पर हो रही चर्चा
1. लाइट मेट्रो – इस विकल्प पर सरकार मेरठ में उत्तरी क्षेत्र में परिवहन साधन को जोड़ने का प्रयास कर रही है। लाइट मेट्रो में खर्च कम आता है। वहीं, छोटे रूट पर लाइट मेट्रो सफल भी रही है। नए शहरों में मेट्रो चलाने के लिए लाइट मेट्रो विकल्प पर ही ध्यान दिया जा रहा है।
2. मोनो रेल – मुंबई में मोनो रेल को चलाया गया। सिर्फ एक बीम पर मोनो रेल चलती है। इसे चलाने पर भी सरकार विचार कर रही है। साल 2014 में देश की पहली मोनो रेल को मुंबई में चलाया गया।
जल्द आगे बढ़ेगी बात
नगर निगम अधिकारियों के साथ बैठकर वार्ता करेंगे। शासन ने कॉम्प्रेहेंसिव मॉबिलिटी प्लान के लिए नगर निगम को जिम्मेदारी दी है। हमारी कोशिश है जल्द यातायात का अध्ययन होकर बात आगे बढ़े। – विजय कुमार सिंह, नगर नियोजक, एमडीए
मेरठ के श्रद्धापुरी से लेकर गोकलपुर तक मेट्रो चलाने की कवायद को पंख लगने शुरू हो गए हैं। नगर विकास विभाग की ओर से एमडीए और नगर निगम को जिम्मेदारी दी गई है। नगर निगम शहर में कॉम्प्रेहेंसिव मॉबिलिटी प्लान (यातायात अध्ययन) तैयार करेगा।
इससे मेट्रो को चलाने के लिए वाहनों की संख्या, यात्रियों की संख्या के बारे में पता चल सकेगा। साल 2017 में कॉम्प्रेहेंसिव मॉबिलिटी प्लान तैयार किया गया था, जिसकी 2022 में वैधता खत्म हो गई है। अब 2022 में दोबारा से प्लान तैयार करना होगा। इसके बाद एमडीए मेरठ में मोनो रेल के लिए राइट्स को जिम्मेदारी सौंप देगा।
साल 2017 में मेरठ में उत्तरी क्षेत्र (श्रद्धापुरी से गोकलपुर तक) मेट्रो चलाने के लिए सर्वे किया गया था। स्टेशन भी तय कर दिए गए थे। एमडीए में मेट्रो सेल का शुभारंभ भी तत्कालीन कमिश्नर आलोक सिन्हा ने किया था लेकिन सभी कार्य फाइलों में चलते रहे।
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