श्रावस्ती: गौतमबुद्ध की तपोभूमि श्रावस्ती इन दिनों बाढ़ की विभीषिका झेल रही है। जनपद की तीन तहसीलों में से दो तहसील के एक दर्जन से अधिक गांवों में पानी भर गया है। नेपाल सीमा से जुड़े इस जनपद में लगभग 36 घंटे से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। उसकी वजह से बाढ़ की स्थिति तो थी ही, लेकिन नेपाल से आने वाले पानी ने और स्थित बिगाड़ दी। आपको बताते चलें कि जब नेपाल के पहाड़ों पर पानी बरसता है तो वह भी ढुलक कर भरतीय जनपदों में आता है। नेपाल से आने वाले पानी को रोकने के लिए भारतीय सीमा डैम बने हुए हैं, लेकिन बारिश के पानी को भारत नहीं रोकता है, वर्ना नेपाल में भारत से भी भीषण बाढ़ आ जाए।
अपर जिलाधिकारी कमलेश चन्द्र ने बताया कि बाढ़ का पानी जनुमहा इलाके के जोगिया, वीरपुर लौकिया, कटरमाफी, हरिहरपुर, करनपुर, शिकारीचौरा, भवानीपुर गांव में घुस गया है। इसी तरह भिनगा इलाके के अशरफ नगर, फतेहपुर, पिपरहवा, गुलरा, जोगा गांव, परसोहरा गांव चारों तरफ से बाढ़ की चपेट में हैं।
श्रावस्ती में बहने वाली राप्ती नदी भी खतरे से ऊपर बह रही है। हालातों को देखते हुए प्रशासन ने पीएसी की बाढ़ यूनिट को बुला लिया है, जिसने अपनी तीन नावें गांव में फसें लोंगों को निकालने में लगा दी हैं। प्रशासन ने अपनी एक नाव को भी साथ में लगा दिया और NDRF की टीम को भी बुला लिया गया है, जो शीघ्र ही पहुंच सकती है।
अपर ज़िलाधिकारी ने यह भी बताया कि खाने के पैकेट प्रभावित इलाके में बाटें जा रहे और हम तथा ज़िला अधिकारी लगातार भृमण शील हैं।
रिपोर्ट-अज़ीम मिर्ज़ा
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