गायत्री प्रसाद प्रजापति
– फोटो : फाइल
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पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम/एमपी-एमएलए कोर्ट में आरोप मुक्त की अर्जी दी है। टेंडर का कमीशन नहीं देने पर धमकी और साक्ष्य मिटाने के मामले में गायत्री प्रजापति आरोपी है। अधिवक्ता अजय सिंह के जरिए दी गई अर्जी पर कोर्ट ने सात अक्तूबर को सुनवाई की तिथि नियत की है। इस मामले में बीते दिनों आरोपी की जमानत अर्जी खारिज हुई थी। इस समय आरोपी के खिलाफ आरोप तय होना है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार गोदौलिया निवासी अरविंद कुमार तिवारी ने 30 जून 2018 को दशाश्वमेध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप है कि मोबाइल पर फोन करने वाले ने खुद को गायत्री प्रजापति बताते हुए वर्ष 2014 के बालू खनन के टेंडर का कमीशन मांगने लगा।
आरोपी ने कहा- घटना के वक्त मैं लखनऊ जेल में था
जवाब में टेंडर कैसिंल होने की बात कहीं गई तो तब गायत्री प्रजापति ने जान से मारने की धमकी दी थी। इस मामले में पुलिस ने विवेचना की। गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत कई को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में आरोपी पूर्व मंत्री की ओर से कोर्ट में डिस्चार्ज आवेदन दिया गया, कहा गया कि घटना के समय आरोपी लखनऊ जेल में निरुद्ध था।
राजनैतिक वैमनस्यता के कारण आरोपी बनाया गया है। सिर्फ राजनीतिक दबाव के वजह से उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया। ऐसे में आरोप न बनाकर उसे डिस्चार्ज यानि आरोप मुक्त कर दिया जाए। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम/एमपी-एमएलए कोर्ट उज्जवल उपाध्याय की अदालत इस पर सात अक्तूबर को सुनवाई करेगी।
विस्तार
पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पंचम/एमपी-एमएलए कोर्ट में आरोप मुक्त की अर्जी दी है। टेंडर का कमीशन नहीं देने पर धमकी और साक्ष्य मिटाने के मामले में गायत्री प्रजापति आरोपी है। अधिवक्ता अजय सिंह के जरिए दी गई अर्जी पर कोर्ट ने सात अक्तूबर को सुनवाई की तिथि नियत की है। इस मामले में बीते दिनों आरोपी की जमानत अर्जी खारिज हुई थी। इस समय आरोपी के खिलाफ आरोप तय होना है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार गोदौलिया निवासी अरविंद कुमार तिवारी ने 30 जून 2018 को दशाश्वमेध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप है कि मोबाइल पर फोन करने वाले ने खुद को गायत्री प्रजापति बताते हुए वर्ष 2014 के बालू खनन के टेंडर का कमीशन मांगने लगा।
आरोपी ने कहा- घटना के वक्त मैं लखनऊ जेल में था
जवाब में टेंडर कैसिंल होने की बात कहीं गई तो तब गायत्री प्रजापति ने जान से मारने की धमकी दी थी। इस मामले में पुलिस ने विवेचना की। गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत कई को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में आरोपी पूर्व मंत्री की ओर से कोर्ट में डिस्चार्ज आवेदन दिया गया, कहा गया कि घटना के समय आरोपी लखनऊ जेल में निरुद्ध था।
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