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शाइन सिटी के करोड़ों के बड़े स्कैंडल पर पुलिस की विफलता पर कोर्ट सख्त

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाइन सिटी ग्रुप आफ  कंपनी के डायरेक्टर्स, लंदन में रह रहे मेहुल चौकसी, जेल में बंद आशिफ असीम, अबूधाबी में रह रहे राशिद नसीम जैसे तमाम लोगों की ओर से 68 हजार करोड़ के बड़े स्कैंडल की अब तक की जांच से असंतोष जताया है। याचिका की सुनवाई 29 सितंबर को भी होगी। अपर सॉलिसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह से सीरियस फ्रॉड विंग से देश का पैसा विदेशों में ट्रांसफर होने पर  की गई कार्रवाई तथा विदेश भागे अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए उठाए गए कदमों की बृहस्पतिवार को जानकारी मांगी है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति विक्त्रस्म डी चौहान की खंडपीठ ने श्रीराम की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

मालूम हो कि वर्ष 2019 में 237 करोड़ के धोखाधड़ी के रैकेट के खिलाफ  284 एफ आईआर दर्ज की गई। इसके बावजूद वाराणसी, प्रयागराज व लखनऊ की संपत्ति का डायरेक्टर्स ने बैनामा कर डाला। जेल में बंद डायरेक्टर ने लखनऊ के मोहनलालगंज के खुलेरा गांव की पांच लाख की जमीन सितंबर 22 में बेच डाली। पुलिस देश में रह रहे अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी। जेल से जमीन बेचने को रोक नहीं सकी। कोर्ट ने कहा, यह सीरियस फ्रॉड है, जिसे गंभीरता से लेना चाहिए।

कोर्ट ने डीजीपी तथा निदेशक आर्थिक अपराध विंग को तलब भी किया था। इसके बावजूद अपराध जारी है। दुबई के अबूधाबी में बैठा आदमी ज़मीन बेच रहा। कोर्ट ने पूछा कि पैसा किस माध्यम से जाता है तो अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा, निवेशकों को जमीन बेची गई है। उनका पैसा कंपनी में पहले से जमा है। शाइन सिटी इंफोटेक प्रा लि कंपनी लंदन की फर्जी कंपनी के जरिए घपले कर रही है और सरकार कुछ नहीं कर पा रही। आरोपी कंपनी के डायरेक्टर्स हैं। फ्रॉड जारी है, पुलिस रोक नहीं सकी। सरकार कार्रवाई करने में विफल है। कोर्ट ने कार्रवाई की जानकारी मांगी है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाइन सिटी ग्रुप आफ  कंपनी के डायरेक्टर्स, लंदन में रह रहे मेहुल चौकसी, जेल में बंद आशिफ असीम, अबूधाबी में रह रहे राशिद नसीम जैसे तमाम लोगों की ओर से 68 हजार करोड़ के बड़े स्कैंडल की अब तक की जांच से असंतोष जताया है। याचिका की सुनवाई 29 सितंबर को भी होगी। अपर सॉलिसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह से सीरियस फ्रॉड विंग से देश का पैसा विदेशों में ट्रांसफर होने पर  की गई कार्रवाई तथा विदेश भागे अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिए उठाए गए कदमों की बृहस्पतिवार को जानकारी मांगी है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति विक्त्रस्म डी चौहान की खंडपीठ ने श्रीराम की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

मालूम हो कि वर्ष 2019 में 237 करोड़ के धोखाधड़ी के रैकेट के खिलाफ  284 एफ आईआर दर्ज की गई। इसके बावजूद वाराणसी, प्रयागराज व लखनऊ की संपत्ति का डायरेक्टर्स ने बैनामा कर डाला। जेल में बंद डायरेक्टर ने लखनऊ के मोहनलालगंज के खुलेरा गांव की पांच लाख की जमीन सितंबर 22 में बेच डाली। पुलिस देश में रह रहे अपराधियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी। जेल से जमीन बेचने को रोक नहीं सकी। कोर्ट ने कहा, यह सीरियस फ्रॉड है, जिसे गंभीरता से लेना चाहिए।

कोर्ट ने डीजीपी तथा निदेशक आर्थिक अपराध विंग को तलब भी किया था। इसके बावजूद अपराध जारी है। दुबई के अबूधाबी में बैठा आदमी ज़मीन बेच रहा। कोर्ट ने पूछा कि पैसा किस माध्यम से जाता है तो अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा, निवेशकों को जमीन बेची गई है। उनका पैसा कंपनी में पहले से जमा है। शाइन सिटी इंफोटेक प्रा लि कंपनी लंदन की फर्जी कंपनी के जरिए घपले कर रही है और सरकार कुछ नहीं कर पा रही। आरोपी कंपनी के डायरेक्टर्स हैं। फ्रॉड जारी है, पुलिस रोक नहीं सकी। सरकार कार्रवाई करने में विफल है। कोर्ट ने कार्रवाई की जानकारी मांगी है।