सपा नेता आजम खान के खिलाफ यूपी सरकार द्वारा तीन नए केस दायर करने और रामपुर स्थित उनकी जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ ताजा कार्रवाई और कथित रूप से अधिग्रहण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
आजम खान की ओर से सीजेआई यूयू ललित की पीठ के समक्ष उनके वकील कपिल सिब्बल ने जिक्र किया और मामले की सुनवाई का आग्रह किया। सिब्बल ने कहा कि आजम खान पर पहले से 87 केस थे और अब तीन और लगा दिए गए हैं। उन्हें मुश्किल से जमानत मिली थी। अब नए केस बना दिए गए।
सिब्बल ने कहा कि जौहर यूनिवर्सिटी में नगर निगम की मशीन मिलने से लेकर कई अन्य तरह की बातें कही जा रही हैं। यूनिवर्सिटी पर कार्रवाई से बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो गई है। वरिष्ठ वकील सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को आजम खान की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई।
याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार कथित तौर पर यूनिवर्सिटी के अधिग्रहण की तैयारी में है। यूनिवर्सिटी के खिलाफ सरकार के अन्य अनुचित कार्यों को भी चुनौती दी गई है। सीजेआई उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने बुधवार को सिब्बल की दलीलों पर गौर किया कि राज्य सरकार इस निजी विश्वविद्यालय के खिलाफ कई तरह की कार्रवाई कर रही है। इस पर सीजेआई ने कहा कि मामले को गुरुवार को उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।
सिब्बल ने कहा कि खान को राज्य सरकार और अन्य अधिकारियों द्वारा दर्ज किए गए कई आपराधिक और अन्य मामलों का सामना करना पड़ रहा है और अब यूनिवर्सिटी को अपने कब्जे में ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की एक दीवार भी गिरा दी गई है। मुहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय 2006 में एक ट्रस्ट द्वारा स्थापित एक निजी विश्वविद्यालय है और खान इसके कुलाधिपति हैं।
सपा नेता आजम खान के खिलाफ यूपी सरकार द्वारा तीन नए केस दायर करने और रामपुर स्थित उनकी जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ ताजा कार्रवाई और कथित रूप से अधिग्रहण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
आजम खान की ओर से सीजेआई यूयू ललित की पीठ के समक्ष उनके वकील कपिल सिब्बल ने जिक्र किया और मामले की सुनवाई का आग्रह किया। सिब्बल ने कहा कि आजम खान पर पहले से 87 केस थे और अब तीन और लगा दिए गए हैं। उन्हें मुश्किल से जमानत मिली थी। अब नए केस बना दिए गए।
सिब्बल ने कहा कि जौहर यूनिवर्सिटी में नगर निगम की मशीन मिलने से लेकर कई अन्य तरह की बातें कही जा रही हैं। यूनिवर्सिटी पर कार्रवाई से बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो गई है। वरिष्ठ वकील सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को आजम खान की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गई।
याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार कथित तौर पर यूनिवर्सिटी के अधिग्रहण की तैयारी में है। यूनिवर्सिटी के खिलाफ सरकार के अन्य अनुचित कार्यों को भी चुनौती दी गई है। सीजेआई उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने बुधवार को सिब्बल की दलीलों पर गौर किया कि राज्य सरकार इस निजी विश्वविद्यालय के खिलाफ कई तरह की कार्रवाई कर रही है। इस पर सीजेआई ने कहा कि मामले को गुरुवार को उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।
सिब्बल ने कहा कि खान को राज्य सरकार और अन्य अधिकारियों द्वारा दर्ज किए गए कई आपराधिक और अन्य मामलों का सामना करना पड़ रहा है और अब यूनिवर्सिटी को अपने कब्जे में ले लिया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की एक दीवार भी गिरा दी गई है। मुहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय 2006 में एक ट्रस्ट द्वारा स्थापित एक निजी विश्वविद्यालय है और खान इसके कुलाधिपति हैं।
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