लखनऊ: माफिया मुख्तार अंसारी को 19 साल पुराने मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने सात साल की सजा सुना दी है। 2003 में तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। कोर्ट लखनऊ बेंच के एकल पीठ के न्यायाधीश दिनेश कुमार सिंह ने फैसला सुनाया। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को जेलर को गाली देने, उसकी ओर असलहा तानने और जान से मारने की धमकी देने का दोषी मानते हुए सात साल जेल की सजा सुनाई।
दरअसल उत्तर प्रदेश की सियासत में बाहुबली मुख्तार अंसारी किसी पहचान का मोहताज नहीं हैं। इनके कारनामे भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं रहे हैं। जुर्म की दुनिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में मुख्तार के नाम की खूबर चर्चा रही है। एक ऐसी ही एक घटना थी जिसे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे।
मुख्तार को नागवार गुजरी तलाशी की बात फिर..
बात है 23 अप्रैल 2003 की सुबह के साढ़े 10 बजे थे। उस समय मुख्तार लखनऊ में जेल बंद थे। तभी मुख्तार के करीबी कुछ लोग उससे लखनऊ जेल में उससे मिलने आए। तभी जेलर एसके अवस्थी ने उनकी तलाशी ली जो मुख्तार को बिल्कुल गंवारा नहीं हुई। फिर उसने अपने साथी की रिवाल्वर लेकर जान से मारने की धमकी देते हुए जेलर के ऊपर तान दी।
एमपी/एमएलए कोर्ट से हो गया था बरी
इसके बाद जेलर एस के अवस्थी ने 28 अप्रैल 2003 को आलमबाग थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। करीब 17 साल बाद 23 दिसंबर 2020 को एमपी/एमएलए कोर्ट ने मुख्तार को इस मामले से कर बरी कर दिया था। लेकिन बात यहीं नहीं रुकी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सरकार ने हाईकोर्ट में अपील की।
हाई कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा
इसके बाद बुधवार को हाईकोर्ट में जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने आईपीसी की धारा 506 के तहत 7 साल की सजा और 25 हजार रुपए का जुर्माना और धारा 353 के तहत 2 साल की सजा और 10 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। वहीं धारा 504 के तहत 2 साल की सजा और 2 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया है। कुल मिलाकर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुख्तार अंसारी को 7 साल की सज़ा और 37 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
गैंगस्टर समेत 10 मुकदमों का चल रहा ट्रायल
मुख्तार अंसारी के खिलाफ प्रयागराज के एमपी/एमएलए कोर्ट में कुल 10 मुकदमों का ट्रायल चल रहा है। मुख्तार के ऊपर चल रहे मुकदमों में कई गंभीर मुकदमे भी शामिल हैं। इसमें डबल मर्डर का भी एक मामला है। वहीं दस मुकदमों में से 4 गैंगस्टर के हैं। गैंगस्टर के 3 मुकदमे गाजीपुर के हैं वहीं एक मऊ जिले का है। इसके अलावा मुख्तार पर हत्या और जानलेवा हमले के भी मुकदमे चल रहे हैं।
बेटे अब्बास ने जीता है चुनाव
गाजीपुर की मऊ विधानसभा सीट से लगातार 5 बार यूपी विधानसभा का सफर तय कर चुके मुख्तार अंसारी जेल से ही चुनाव जीतते रहे हैं। लेकिन इस बार यहां से सुभासपा के सिंबल पर अपने बेटे अब्बास अंसारी को चुनाव लड़वाया। उसने जीत हासिल कर ली है।
527 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति जब्त या ध्वस्त कर चुकी है सरकार
यूपी सरकार ने पांच वर्षों के दौरान मुख्तार अंसारी और उसके गैंग से जुड़े लोगों की 527 करोड़ से ज़्यादा की संपत्तियां या तो जब्त कर लीं या ध्वस्त कर दी हैं। माफिया के ख़िलाफ़ देशभर में 58 मामले दर्ज हैं। इनमें से 20 कोर्ट में विचाराधीन हैं। सरकार ने गैंगस्टर ऐक्ट के तहत माफिया और उसके करीबियों की करीब 247 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त की हैं। उसके अवैध क़ब्ज़े से करीब 281 करोड़ की संपत्तियां या तो मुक्त कराई गई हैं या ध्वस्त कर दी गई हैं।
इनपुट- संदीप तिवारी
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