Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Madrasa Survey: आगरा में तीन और मदरसे मिले अपंजीकृत, दीनी तालीम के साथ दी जा रही थी आधुनिक शिक्षा

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

आगरा में अल्पसंख्यक विभाग ने शनिवार को बोदला, सिकंदरा और रुनकता में तीन और गैर मान्यता प्राप्त व अपंजीकृत मदरसों का सर्वे किया है। ये मदरसे मान्यता प्राप्त नहीं थे। इनमें दीनी तालीम के साथ आधुनिक शिक्षा दी जाती है। अब तक चार मदरसों का सर्वे हो चुका है। 10 अक्तूबर तक मदरसों की रिपोर्ट शासन को भेजी जानी है।

शनिवार को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रशांत कुमार के नेतृत्व में टीम ने सबसे पहले बोदला स्थित मोहम्मदी मस्जिद में संचालित अपंजीकृत मदरसे का सर्वे किया। 2013 में यह मदरसा खुला था। तब से पंजीकरण नहीं कराया। तीन शिक्षक हैं, जो 25 बच्चों को पढ़ाते हैं। दो शिक्षक दीनी तालीम और एक शिक्षक गणित, विज्ञान सहित आधुनिक विषय पढ़ाता है।

नूरी मस्जिद में भी चल रहा था गैर मान्यता प्राप्त मदरसा 
यहां से टीम सिकंदरा पहुंची। जहां पुलिस थाने के बराबर से नूरी मस्जिद में 2008 से अपंजीकृत व गैर मान्यता प्राप्त मदरसा चल रहा था। इसमें 18 बच्चे पढ़ते हैं। मदरसा सिकंदरा एजूकेशन सोसायटी संचालित करती है। दो शिक्षक हैं। यहां चार कमरे बने हुए हैं। पेयजल व शौचालय सुविधा है। शाम को टीम रुनकता स्थित दारुलउलूम असहाबे सुफ्फह मदरसा पहुंची। यह 2007 से तीन कमरों में संचालित है। मदरसे के अंदर मस्जिद बनी है। 25 बच्चे पढ़ते हैं। तीन शिक्षक हैं। 

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि तीनों की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी गई है। अब तक जिले में चार अपंजीकृत मदरसे मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि आगरा में करीब 15 मदरसों का सर्वे होना है। गैर मान्यता प्राप्त व अपंजीकृत मदरसों का ही सर्वे किया जा रहा है

विस्तार

आगरा में अल्पसंख्यक विभाग ने शनिवार को बोदला, सिकंदरा और रुनकता में तीन और गैर मान्यता प्राप्त व अपंजीकृत मदरसों का सर्वे किया है। ये मदरसे मान्यता प्राप्त नहीं थे। इनमें दीनी तालीम के साथ आधुनिक शिक्षा दी जाती है। अब तक चार मदरसों का सर्वे हो चुका है। 10 अक्तूबर तक मदरसों की रिपोर्ट शासन को भेजी जानी है।

शनिवार को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रशांत कुमार के नेतृत्व में टीम ने सबसे पहले बोदला स्थित मोहम्मदी मस्जिद में संचालित अपंजीकृत मदरसे का सर्वे किया। 2013 में यह मदरसा खुला था। तब से पंजीकरण नहीं कराया। तीन शिक्षक हैं, जो 25 बच्चों को पढ़ाते हैं। दो शिक्षक दीनी तालीम और एक शिक्षक गणित, विज्ञान सहित आधुनिक विषय पढ़ाता है।

नूरी मस्जिद में भी चल रहा था गैर मान्यता प्राप्त मदरसा 

यहां से टीम सिकंदरा पहुंची। जहां पुलिस थाने के बराबर से नूरी मस्जिद में 2008 से अपंजीकृत व गैर मान्यता प्राप्त मदरसा चल रहा था। इसमें 18 बच्चे पढ़ते हैं। मदरसा सिकंदरा एजूकेशन सोसायटी संचालित करती है। दो शिक्षक हैं। यहां चार कमरे बने हुए हैं। पेयजल व शौचालय सुविधा है। शाम को टीम रुनकता स्थित दारुलउलूम असहाबे सुफ्फह मदरसा पहुंची। यह 2007 से तीन कमरों में संचालित है। मदरसे के अंदर मस्जिद बनी है। 25 बच्चे पढ़ते हैं। तीन शिक्षक हैं। 

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रशांत कुमार ने बताया कि तीनों की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी गई है। अब तक जिले में चार अपंजीकृत मदरसे मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि आगरा में करीब 15 मदरसों का सर्वे होना है। गैर मान्यता प्राप्त व अपंजीकृत मदरसों का ही सर्वे किया जा रहा है