प्रयागराज: पुरी की गोवर्धनपीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती (Nischalananda Saraswati) का कहना है कि भारत के हिंदू राष्ट्र (Nischalananda Saraswati hindu rashtra) बनते ही दुनिया के 15 देश खुद को हिंदू राष्ट्र घोषित कर देंगे। उनका मानना है कि ये देश केवल भारत के आगे न आने की वजह से ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। मदरसों के सर्वेक्षण को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं के विरोध पर उन्होंने कहा, जहां आतंकवाद को प्रश्रय मिले वह स्थान मठ, मंदिर, मस्जिद न होकर आतंकवाद का केंद्र कहने योग्य है।
निश्चलानंद सरस्वती गुरुवार को झूंसी स्थित शिवगंगा आश्रम में बोल रहे थे। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के मुद्दे पर शंकराचार्य ने कहा, ‘यदि भारत हिंदू राष्ट्र घोषित होता है तो विश्व के 15 देश एक साल के भीतर अपने को हिंदू राष्ट्र घोषित कर लेंगे। इन देशों का मानना है कि भारत की दिशाहीनता की वजह से उनके हाथ बंधे हैं।’
‘सबके पूर्वज हिंदू थे’
स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने काशी में विश्वनाथ और मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि को लेकर चल रहे मुकदमों पर कहा, ‘हमारे पवित्र स्थलों को विकृत और विखंडित करके जो भी संस्थान बनाए गए, उन पर पुनः हमारा अधिकार होना ही चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘सबके पूर्वज सनातनी वैदिक आर्य हिंदू थे। अपने पूर्वजों के मार्ग पर सबको उत्कर्ष प्राप्त हो, यह हमारी भावना है। सत्य को स्वीकार करें।’
हाल में ब्रह्मलीन हुए द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी को लेकर उन्होंने कहा, ‘स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती किसी को अपना उत्तराधिकारी बनाकर नहीं गए।’ द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को सोमवार को मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर स्थित आश्रम में समाधि दी गई। स्वामी स्वरूपानंद ज्योतिष पीठ के भी शंकराचार्य थे। ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निजी सचिव सुबोधानंद महाराज के मुताबिक, शारदा पीठ के नए शंकराचार्य दंडी स्वामी सदानंद सरस्वती होंगे, जबकि दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य होंगे। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को भू समाधि दिए जाने के बाद उसी दिन इन दोनों दंडी स्वामियों का एक समारोह में पट्टाभिषेक किया गया।
भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के मुद्दे पर शंकराचार्य ने कहा, ‘यदि भारत हिंदू राष्ट्र घोषित होता है तो विश्व के 15 देश एक साल के भीतर अपने को हिंदू राष्ट्र घोषित कर लेंगे। इन देशों का मानना है कि भारत की दिशाहीनता की वजह से उनके हाथ बंधे हैं।’
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