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Lakhimpur Kheri Case: दलित लड़कियां सहमति से गई थीं या अपहरण, कौन सही? परिजनों का आरोप या पुलिस की थ्योरी

Lakhimpur Kheri Case Update: लखीमपुर खीरी कांड में दलित लड़कियों की हत्या के मामले में पुलिस के बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। छह आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद लखीमपुर के एसपी ने इस मामले में बड़ा दावा किया है। उन्होंने लड़कियों के अपहरण या जबरन उठाए जाने की घटना से इनकार किया।

 

हाइलाइट्सदो लड़कियों की रेप के बाद हत्या मामले को लेकर लखीमपुर में गरमाया माहौलपुलिस की ओर से रेप के बाद हत्या मामले में दी गई है अलग थ्योरी, एसपी का आया बयानएसपी ने लड़कियों के आरोपियों के साथ जाने की बात कही, अपहरण की घटना से इंकारमृतका की मां ने कहा, लड़कियों को लड़के बाइक पर जबरन बैठाकर ले गएलखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी सितंबर में एक बार फिर गरमाया हुआ है। वर्ष 2021 में इस माह में जिला किसान आंदोलन के कारण गरमाया हुआ था। माहौल सरकार, विधायक और सांसद के खिलाफ था। इसी विरोध के क्रम में 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर के तिकोनिया में प्रदर्शनकारी किसानों की भीड़ पर एसयूवी दौड़ा दी गई थी। इस कांड के करीब एक साल बाद फिर लखीमपुर में माहौल गरमाया हुआ है। इस बार मामला दलित नाबालिग बहनों की रेप के बाद हत्या का है। 15 और 17 साल की दो लड़कियों को रेप के बाद हत्या कर पेड़ से टांग दिया गया। इस घटना में पुलिस की थ्योरी सामने आई है, जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बकौल, लखीमपुर एसपी संजीव सुमन लड़कियों का अपहरण नहीं हुआ था। लड़कों के साथ वे अपनी मर्जी से गई थीं। जबकि, मृतका की मां के अनुसार, बाइक सवार तीन लड़कों ने दोनों लड़कियों का अपहरण किया।

पुलिस की ये है थ्योरी
दो नाबालिग दलित लड़कियों की रेप और हत्या के मामले में एसपी संजीव सुमन ने गुरुवार की सुबह प्रेस कांफ्रेंस किया। इसमें उन्होंने कहा कि यह मामला कमजोर वर्ग के खिलाफ था। मामला सामने आते ही घटना की जांच शुरू कर दी गई। अभी मामले की जांच चल रही है, इसलिए बहुत कुछ नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने बताया कि घटना में चार नामजद आरोपियों के साथ छह को हिरासत में लिया गया है। पुलिस उन्हें जेल भेज रही है। एसपी ने कहा कि मामला महिलाओं के खिलाफ और समाज के एक कमजोर वर्ग के खिलाफ है। हमने तेज गति और संवेदनशीलता के साथ काम किया। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 376 और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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एसपी ने घटना की प्रारंभिक जांच के बाद घटना को लेकर भी विवरण पेश किए। उन्होंने कहा कि दो दलित लड़कियों के साथ रेप और मर्डर मामला सामने आते ही पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी गई। मामले में एक ज्ञात और तीन अज्ञात लोगों को नामजद किया गया था। पुलिस ने मामले की गंभीरता से घटना की जांच शुरू की। मृतका के पड़ोसी छोटू को पहले ही गिरफ्तार किया गया। इसके बाद तीनों अज्ञात लोगों जुनैद, सुहैल और हाफिजुर रहमान को गिरफ्तार किया गया। ये चारों लड़की से पहले से परिचित हैं। छोटू के जरिए इन लड़कों का लड़कियों से परिचय हुआ था।
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एसपी ने लड़कियों के साथ रेप और हत्या के मामले में बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि बुधवार को तीनों लड़के गांव आए थे। लड़कियों को साथ ले जाकर उनकी इच्छा के विरूद्ध जुनैद और सुहैल ने उनके साथ शारीरिक संबंध बनाया। इसके बाद लड़कियां शादी के लिए अड़ गईं। इस बात से नाराज होकर उन्होंने दोनों लड़कियों की हत्या कर दी। इसके बाद उन्होंने 2 और लड़कों को बुलाकर उनकी मदद से लड़कियों को पेड़ पर लटका दिया। हालांकि, एसपी की थ्योरी पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं।
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मां का बयान काफी अलग
मृतका की मां का इस पूरे मामले में बयान काफी अलग है। उनका कहना है कि तीन लड़के बुधवार दोपहर बाद बाइक से आए। उस समय वह कपड़ा डालने घर के भीतर गई थी। इसी दौरान तीनों लड़कों ने उनकी बेटी का अपहरण किया। दो लड़कों ने दोनों लड़कियों को घसीटते हुए ले जाकर बाइक पर बैठाया और लेकर चली गए। लड़की की मां ने कहा कि मैं बाइक के पीछे दौड़ी, लेकिन उन्हें पकड़ नहीं पाई। उन्होंने बेटी के रेप के बाद हत्या और फिर मारकर पेड़ से टांगने का आरोप लगाया। अब इस पूरे मामले में पुलिस की थ्योरी कुछ अलग ही कहानी बना रही है।
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पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल
पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठने लगा है। पुलिस ने बुधवार को मामला सामने आने के बाद घटनास्थल पर पुलिस को अपने कब्जे में लिया था। इस दौरान स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो पुलिस उनसे भिड़ती नजर आई। कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इसमें पुलिस लोगों को नेतागिरी न करने की सलाह देती दिख रही थी। वहीं, स्थानीय लोगों ने जबरन शव को कब्जे में लेने का आरोप लगाया। रोड जाम किए जाने के दौरान भी पुलिस की ओर से लोगों पर बल का प्रयोग किया गया। इन मामलों को लेकर लोग अब पुलिस की थ्योरी पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
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