ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने दु:ख व्यक्त किया है। यादें साझा करते हुए बोले, वह जिंदादिल इंसान थीं। मेरी उनसे वर्ष 2000 में मुलाकात हुई थी। तब मैं उनसे यूपी विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री सदस्य के रूप में मिला था। उसके बाद पहली बार लंदन में साइबर क्राइम पर मेरा व्याख्यान हुआ था जिसकी समूचे ब्रिटेन में चर्चा रही।
पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने बताया, मैं अपनी पत्नी सुधा त्रिपाठी के साथ लंदन गया था। पूर्व सांसद स्वर्गीय हुकूम सिंह भी साथ थे। इस दौरान कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री की मेंबरशिप पर महारानी एलिजाबेथ के समक्ष विस्तार से चर्चा हुई थी। प्रतिनिधिमंडल के लंच के दौरान महारानी भी हमारे बीच थीं। वह वहां मौजूद सभी लोगों से मिल रही थीं।
इस दौरान मुझे उनका व्यक्तित्व शानदार लगा।
उन्होंने यह महसूस ही नहीं होने दिया कि वह ब्रिटेन की महारानी हैं। उनसे मुलाकात के बाद ही मैने पहली बार साइबर क्राइम पर व्याख्यान दिया जो उस समय नया विषय था। इस वजह से वह व्याख्यान वहां काफी सुर्खियों में रहा। हालांकि व्याख्यान के दौरान महारानी वहां नहीं थी। अब उनके निधन के बाद 22 वर्ष पुरानी स्मृतियां ताजा हो गई हैं।
ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने दु:ख व्यक्त किया है। यादें साझा करते हुए बोले, वह जिंदादिल इंसान थीं। मेरी उनसे वर्ष 2000 में मुलाकात हुई थी। तब मैं उनसे यूपी विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री सदस्य के रूप में मिला था। उसके बाद पहली बार लंदन में साइबर क्राइम पर मेरा व्याख्यान हुआ था जिसकी समूचे ब्रिटेन में चर्चा रही।
पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने बताया, मैं अपनी पत्नी सुधा त्रिपाठी के साथ लंदन गया था। पूर्व सांसद स्वर्गीय हुकूम सिंह भी साथ थे। इस दौरान कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री की मेंबरशिप पर महारानी एलिजाबेथ के समक्ष विस्तार से चर्चा हुई थी। प्रतिनिधिमंडल के लंच के दौरान महारानी भी हमारे बीच थीं। वह वहां मौजूद सभी लोगों से मिल रही थीं।
इस दौरान मुझे उनका व्यक्तित्व शानदार लगा।
उन्होंने यह महसूस ही नहीं होने दिया कि वह ब्रिटेन की महारानी हैं। उनसे मुलाकात के बाद ही मैने पहली बार साइबर क्राइम पर व्याख्यान दिया जो उस समय नया विषय था। इस वजह से वह व्याख्यान वहां काफी सुर्खियों में रहा। हालांकि व्याख्यान के दौरान महारानी वहां नहीं थी। अब उनके निधन के बाद 22 वर्ष पुरानी स्मृतियां ताजा हो गई हैं।
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