प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री अनिल राजभर ने कहा कि कारखानों में कार्यरत श्रमिकों की कार्य-दशाओं में सुधार एवं सुरक्षा के समुचित प्रबन्ध सुनिश्चित करने के लिए पंजीकृत और अपंजीकृत कारखानों का शत-प्रतिशत निरीक्षण किया जाना सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि खतरनाक प्रकृति के कारखानों में कर्मकारों का नियोजन करने वाले कारखानों के लाइसंेस जारी करने तथा मानचित्रों के अनुमोदन में विशेष सावधानी बरती जाय, ताकि कारखानों में दुर्घटना होने की सम्भावनाएं न रहे। उन्होंने कहा कि कारखानों के निरीक्षण, दुर्घटनाओं व परिवादों की जांच का कार्य समयबद्ध तरीके से किया जाय।
श्रम मंत्री आज नवीन भवन स्थित तिलक हॉल में कारखाना संवर्ग एवं ब्वायलर संवर्ग की विभागीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने विचाराधीन परिवादों के निस्तारण में विलम्ब होने पर असंतोष व्यक्त करते विभागीय अधिकारियों का निर्देशित किया कि दायर परिवादों की पैरवी करते हुए शीघ्र निस्तारण करने की समुचित व्यवस्था की जाय। श्रम मंत्री ने निर्गत लाइसेंसों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि लाइसेंस निर्गत करने में आ रही समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता पर कराया जाय।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव श्रम, श्री सुरेश चन्द्रा ने बताया कि कारखानों में कार्यरत श्रमिकों के हित में प्रदेश में कारखाना अधिनियम, 1948 व तत्सम्बन्धी प्रादेशिक नियमावलियों तथा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अधीन परिसंकटमय रसायनिक पदार्थों के हथलन, भण्डारण व इन रासायनिक पदार्थों से सम्भावित दुर्घटनाओं के नियंत्रण तथा जनित आपात स्थितियों से निपटने हेतु कार्ययोजना, तैयारियों एवं तत्सम्बन्ध में अनुक्रिया से सम्बन्धित भारत सरकार की नियमावलियों के प्रवर्तन का कार्य कारखाना निदेशालय द्वारा सम्पादित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग 20,242 कारखाने पंजीकृत हैं, जिनमें से 4,729 खतरनाक प्रकृति के तथा 180 अति खतरनाक प्रकृति के हैं।
इसके अलावा ब्वायलर संवर्ग की समीक्षा बैठक की गयी जिसमें श्रम आयुक्त श्रीमती शकुन्तला गौतम ने बताया कि प्रदेश में स्थापित हो रही विद्युत उत्पादन ईकाईयों, खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट खुर्जा, बुलन्दशहर, नवेली उ0प्र0 पावर लि0, घाटमपुर, जवाहरपुर विद्युत उत्पादन निगम, एटा, मेसर्स पनकी थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट, पनकी कानपुर एवं ओबरा थर्मल पावर, सोनभद्र अन्य उद्योग क्षेत्र से सम्बन्धित परियोजनाओं में कई विशाल क्षमताओं के ब्वायलरों का पंजीयन व निरीक्षण कार्य समयबद्ध रूप से सम्पादित कराया जा रहा है। जिससे ये परियोजनाएं अपने निर्धारित समय से पूर्ण हो सकें।
उन्होंने बताया कि उद्यमियों को ब्वायलर के पंजीयन/निरीक्षण में सुगमता प्रदान करने हेतु ब्वायलर के ऑनलाइन पंजीयन/निरीक्षण की व्यवस्था की गयी है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 572 आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हुए, जिनका समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जा रहा है। भारतीय ब्वायलर अधिनियम, विनियमन व अन्य नियमावलियों का प्रदेश में भली-भाँति संचालन किया गया है। ब्वायलर निदेशालय के सतत् प्रयासों तथा उद्यमियों की जागरूकता से प्रदेश में स्थापित ब्वायलरों में दुर्घटना की संख्या नगण्य रही है।
इस अवसर पर विशेष सचिव, श्री प्रेम प्रकाश सिंह, निदेशक, कारखाना तथा निदेशक ब्वायलर के अलावा श्रम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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