प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र, लखनऊ द्वारा जनमानस के लिए विभिन्न प्रकार के रोजगारपरक कार्यक्रमो जैसे- कि मशरूम उत्पादन एवं मूल्य संवर्धन, छत पर खेती, खाद्य प्रसंस्करण फूड सेफ्टी, न्यूट्रासिटिकल फूड प्रोडेक्ट प्रोबायोटिक फूड, गुड आधारित उत्पाद, खाद्य उत्पादों में मिलावट की जाँच आदि के बारे प्रशिक्षण देकर उन्हें विभिन्न रोजगारपरक कार्यक्रमो से जोड़ा जाय। श्री मौर्य ने कहा है कि मशरूम हमारे भोजन में प्रोटीन सम्बन्धी आवश्यकता को पूर्ण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मशरूम का व्यवसाय बहुत ही लाभकारी है इसको छोटे स्तर पर प्रारम्भ कर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता, गृहिणी की रसोई में मशरूम पहुंचाकर किस प्रकार कुपोषण को कम किया जा सकता है। इसके प्रशिक्षण से रोजगार प्राप्त करने में नवयुवक एवं नवयुवकों को एक नयी दिशा मिलेगी
डा० एस० के० चौहान निदेशक आर फ्रेक ने बताया कि पिछले दिनों क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र लखनऊ द्वारा 03 दिवसीय मशरूम उत्पादन एवं मूल्य संवर्धन प्रशिक्षण किया गया , जिसमें नेशनल पी० जी० कालेज के वाणिज्य विभाग के बी. काम के छात्र / छात्राओं ने भाग लिया।इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ओस्टर मशरूम, बटन मशरूम का उत्पादन किस प्रकार से किया जाता है इसका प्रैक्टीकल डेमॉस्ट्रेशन स्वयं लाभार्थियों के माध्यम से कराया गया। सुखा हुआ मशरूम, मशरूम पाउडर, मशरूम सूप, मशरूम आचार, श्रीखण्ड, योगर्ट, कुकीज, मफिन्स, बेबी फूड, कैनिंग, मशरूम की विभिन्न सब्जियाँ, पुलाव, मशरूम सैनविच, मशरूम बर्गर आदि के बनाने की तकनीकी जानकारी प्रैक्टीकल डेमोस्ट्रेशन के माध्यम से लाभार्थियों को योग्य प्रशिक्षकों द्वारा उपलब्ध करायी गयी।
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