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आगरा के थाना ताजगंज से दुष्कर्म के मामले में जेल भेजे गए बृजेश पंडित को जमानत नहीं मिल सकी। कोर्ट ने जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया। सदर क्षेत्र की महिला ने आईजी रेंज नचिकेता झा के कार्यालय में शिकायत की थी। पुलिस को बताया कि नामनेर निवासी बृजेश पंडित ने उनसे संपर्क किया था। बताया कि उनकी संकल्प संस्था है। संस्था में जोड़कर सामाजिक कार्य करने को कहा।
आरोप लगाया कि बृजेश पंडित ने उनको व्हाट्स एप पर आपत्तिजनक मैसेज भेजे। अकेले में आने का दबाव बनाया। ब्लैकमेल किया। संस्था से अलग होने पर सोशल मीडिया पर बदनाम कर दिया। पांच लाख रुपये चौथ मांगी। पीड़िता ने अपने बयान में दुष्कर्म की बात भी कही। इस पर मुकदमे में बाद में दुष्कर्म की धारा की वृद्धि की गई। पुलिस ने आरोपी बृजेश पंडित को 15 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
जमानत के लिए लगाया था प्रार्थनापत्र
बृजेश पंडित की ओर से अधिवक्ता ने जमानत के लिए प्रार्थनापत्र लगाया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि बृजेश पंडित ने वर्ष 2017 में महिला को एक लाख रुपये उधार दिए थे। बाद में दो लाख रुपये देवी जागरण कराने के नाम पर दिए। रुपये वापस मांगने पर महिला ने गलत आरोप लगाए हैं। वादी की ओर से एडीजीसी राधाकृष्ण गुप्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रत मेहरा ने तर्क दिया कि महिला की 17 साल की बेटी है। आरोपी के पास रुपये देने का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। अपर जिला जज प्रथम सुधीर कुमार सिंह ने जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया।
छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी मौलाना को जमानत नहीं
अपर जिला जज परवेज अख्तर ने थाना मलपुरा के मदरसे में नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी मौलाना शाकिर निवासी तेलीपाड़ा, मलपुरा का जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया। मामले में 31 मई को मुकदमा दर्ज कराया गया था। 12 वर्षीय किशोरी तीन साल से मदरसे में पढ़ने जा रही थी। 20 मई को अभियुक्त शाकिर ने किशोरी को अलग कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया। शिकायत पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता ने पुलिस एवं मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में आरोपों की पुष्टि की।
विस्तार
आगरा के थाना ताजगंज से दुष्कर्म के मामले में जेल भेजे गए बृजेश पंडित को जमानत नहीं मिल सकी। कोर्ट ने जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया। सदर क्षेत्र की महिला ने आईजी रेंज नचिकेता झा के कार्यालय में शिकायत की थी। पुलिस को बताया कि नामनेर निवासी बृजेश पंडित ने उनसे संपर्क किया था। बताया कि उनकी संकल्प संस्था है। संस्था में जोड़कर सामाजिक कार्य करने को कहा।
आरोप लगाया कि बृजेश पंडित ने उनको व्हाट्स एप पर आपत्तिजनक मैसेज भेजे। अकेले में आने का दबाव बनाया। ब्लैकमेल किया। संस्था से अलग होने पर सोशल मीडिया पर बदनाम कर दिया। पांच लाख रुपये चौथ मांगी। पीड़िता ने अपने बयान में दुष्कर्म की बात भी कही। इस पर मुकदमे में बाद में दुष्कर्म की धारा की वृद्धि की गई। पुलिस ने आरोपी बृजेश पंडित को 15 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
जमानत के लिए लगाया था प्रार्थनापत्र
बृजेश पंडित की ओर से अधिवक्ता ने जमानत के लिए प्रार्थनापत्र लगाया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि बृजेश पंडित ने वर्ष 2017 में महिला को एक लाख रुपये उधार दिए थे। बाद में दो लाख रुपये देवी जागरण कराने के नाम पर दिए। रुपये वापस मांगने पर महिला ने गलत आरोप लगाए हैं। वादी की ओर से एडीजीसी राधाकृष्ण गुप्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रत मेहरा ने तर्क दिया कि महिला की 17 साल की बेटी है। आरोपी के पास रुपये देने का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। अपर जिला जज प्रथम सुधीर कुमार सिंह ने जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया।
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