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Mainpuri: धान की फसल पर मंडराया ड्वार्फ वायरस का खतरा, कृषि विभाग ने जारी किया अलर्ट

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अब फसलों में भी वायरस का खतरा मंडराने लगा है। इस बार धान की फसल में ड्वार्फ वायरस के खतरे ने किसानों की नींद उड़ा दी है। मैनपुरी जिले में कृषि विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है। जिले में लगभग दो लाख हेक्टेयर में इस बार धान की रोपाई हुई है। फसल पर साउथर्न राइस ब्लैक स्ट्रीक्ड ड्वार्फ वायरस का खतरा बढ़ गया है। आम भाषा में इसे बौना रोग भी कहते हैं। 

पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में इसके प्रकोप के चलते प्रदेश में भी अलर्ट जारी किया गया है। इससे उत्पादन बहुत प्रभावित होता है। कृषि विभाग के अनुसार ये वायरस एक कीट से फैलता है, जिसे सफेद पीठवाला फुदका के नाम से जाना जाता है। वायरस या कीट का प्रकोप दिखने पर किसान उपचार के साथ ही कृषि विभाग को सूचित करें। 

ऐसे करेंगे वायरस की पहचान 

इससे प्रकोपित पौधे बौने हो जाते हैं। पत्तियां गहरे हरे रंग की होने के साथ ही कल्ले मुरझाने लगते हैं। 

ये करें उपचार 
प्रकोपित पौधे को उखाड़कर दूर मिट्टी में गहरा दबा दें
खेत के चारों और खरपतवार को निकलाकर सफाई करें
नियंत्रण के लिए बुप्रोफजिन 25 प्रतिशत 800 एमएल का 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। 
एसिटाप्रिड 20 प्रतिशत  सौ ग्राम का 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। 

जिला कृषि अधिकारी सूर्यप्रताप सिंह ने कहा कि ड्वार्फ वायरस का प्रकोप धान की फसल में होता है। अलर्ट जारी किया गया है। किसान को लक्षण नजर आते हैं तो उपचार के साथ ही कृषि विभाग को अवगत कराएं। 

विस्तार

अब फसलों में भी वायरस का खतरा मंडराने लगा है। इस बार धान की फसल में ड्वार्फ वायरस के खतरे ने किसानों की नींद उड़ा दी है। मैनपुरी जिले में कृषि विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है। जिले में लगभग दो लाख हेक्टेयर में इस बार धान की रोपाई हुई है। फसल पर साउथर्न राइस ब्लैक स्ट्रीक्ड ड्वार्फ वायरस का खतरा बढ़ गया है। आम भाषा में इसे बौना रोग भी कहते हैं। 

पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में इसके प्रकोप के चलते प्रदेश में भी अलर्ट जारी किया गया है। इससे उत्पादन बहुत प्रभावित होता है। कृषि विभाग के अनुसार ये वायरस एक कीट से फैलता है, जिसे सफेद पीठवाला फुदका के नाम से जाना जाता है। वायरस या कीट का प्रकोप दिखने पर किसान उपचार के साथ ही कृषि विभाग को सूचित करें। 

ऐसे करेंगे वायरस की पहचान 

इससे प्रकोपित पौधे बौने हो जाते हैं। पत्तियां गहरे हरे रंग की होने के साथ ही कल्ले मुरझाने लगते हैं।