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मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले प्रॉजेक्ट्स पर भी अधिकारी तवज्जो नहीं देते हैं, आलम यह है कि जिन परियोजनाओं का शिलान्यास खुद सीएम योगी ने किया है उनके निर्माण की जिम्मेदारी से भी अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं। मेरठ में ऐसे कई प्रॉजेक्ट हैं जिनका हाल बेहाल है। ताजा उदाहरण मेरठ का क्रांतिपथ है। दरअसल, शहर में 1857 क्रांति से जुड़े 21 स्थानों के दर्शन कराने के लिए चार किमी लंबे क्रांतिपथ पथ के निर्माण में खामियों की भरमार है। न ही बिजली के खंभे हटाए गए और न ही अतिक्रमण रोकने की व्यवस्था की गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सात जनवरी 2022 को क्रांति पथ प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। सबसे अचंभित करने वाली बात ये है इस प्रोजेक्ट पर खर्च होने वाला बजट भी दो बोर्ड पर अलग-अलग लिखा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिलान्यास वाले पत्थर पर लागत 363.08 लाख और दूसरे सूचना बोर्ड पर 316.76 लाख रुपये लिखी है। क्रांति पथ का निर्माण शहीद स्मारक से शुरू कर दिया गया है। इसके आगे सेना भर्ती कार्यालय से लेकर वेस्ट एंड रोड तक बनाया गया। फिर इसका निर्माण सैन्य अस्पताल से किया गया।
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इस स्थान पर ही बिजली के पोल हटाए बिना ही क्रांति पथ बना दिया गया। वहीं, कई स्थानों से बीच में ही पथ का निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया है। सीएंडडीएस प्रोजेक्ट मैनेजर का कहना है कि कैंट बोर्ड की अनुमति न मिलने से क्रांति पथ बीच-बीच में अूधरा है।
सीएम ने शिलान्यास किया, फिर भी बजट नहीं
एक तरफ सरकार सभी प्रॉजेक्टों की गति बढ़ाने के लिए प्रभारी मंत्री, प्रभारी अधिकारियों को समीक्षा बैठक के लिए जिले में भेजती है। लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास किए गए प्रोजेक्ट के लिए बजट भी शासन से नहीं आ रहा है। अभी तक तीन करोड़ रुपये से अधिक राशि के प्रोजेक्ट के लिए सिर्फ सवा करोड़ बजट ही मिला है। इस प्रोजेक्ट की निगरानी पर्यटन विभाग को करनी चाहिए लेकिन वह भी इस अंजान बनी हुई है।
पथ पर होने लगा अतिक्रमण
सेना भर्ती कार्यालय के पास पथ पर ठेले खोमचे वालों ने क्रांति पथ पर अतिक्रमण अभी से शुरू कर दिया है। ऐसे में बनने से पहले ही क्रांति पथ लुप्त होने के कगार पर आ गया है। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि शहीद स्मारक के पास ही अतिक्रमण कर इसे खत्म कर दिया गया। यहां कई स्थानों पर स्कूली बस, प्राइवेट बस आदि खड़ी होने लगी हैं।
समस्या का निस्तारण कराएंगे
मेरे पदभार लेने से पहले इसका ले-आउट बन गया था। अगर कोई समस्या है तो दिखवाएंगे। बिजली के पोल अगर अधिक हैं तो उनसे निस्तारण के लिए बात की जाएगी। – रजनीश जायसवाल, प्रोजेक्ट मैनेजर, सीएंडडीएस
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मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले प्रॉजेक्ट्स पर भी अधिकारी तवज्जो नहीं देते हैं, आलम यह है कि जिन परियोजनाओं का शिलान्यास खुद सीएम योगी ने किया है उनके निर्माण की जिम्मेदारी से भी अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं। मेरठ में ऐसे कई प्रॉजेक्ट हैं जिनका हाल बेहाल है। ताजा उदाहरण मेरठ का क्रांतिपथ है। दरअसल, शहर में 1857 क्रांति से जुड़े 21 स्थानों के दर्शन कराने के लिए चार किमी लंबे क्रांतिपथ पथ के निर्माण में खामियों की भरमार है। न ही बिजली के खंभे हटाए गए और न ही अतिक्रमण रोकने की व्यवस्था की गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सात जनवरी 2022 को क्रांति पथ प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। सबसे अचंभित करने वाली बात ये है इस प्रोजेक्ट पर खर्च होने वाला बजट भी दो बोर्ड पर अलग-अलग लिखा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिलान्यास वाले पत्थर पर लागत 363.08 लाख और दूसरे सूचना बोर्ड पर 316.76 लाख रुपये लिखी है। क्रांति पथ का निर्माण शहीद स्मारक से शुरू कर दिया गया है। इसके आगे सेना भर्ती कार्यालय से लेकर वेस्ट एंड रोड तक बनाया गया। फिर इसका निर्माण सैन्य अस्पताल से किया गया।
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