नोएडा: नोएडा के सेक्टर-93 ए स्थित ट्विन टावरों को विस्फोटक लगाकर ध्वस्त कर दिया गया है। अब ढेर हो चुके इन दोनों ट्विन टॉवरों से निकले 80 हजार मैट्रिक टन मलबे का निस्तारण कम चुनौतीपूर्ण नहीं है। इसके मलबे को उठाने के दौरान कई प्रकार के अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है। दावा किया गया है कि तीन महीने के भीतर मलबे का निस्तारण कर दिया जाएगा। वहीं इससे सीएनडी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट में टाइल्स बनाने की तैयारी है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सीबीआरआई और एडिफिस इंजीनियरिंग के अधिकारियों ने मलबे को निकालने के बारे में मंथन किया। मलबे पर जो निर्णय लिया है कि 80 हजार मीट्रिक टन मलबा में 4 हजार टन सरिया और स्टील होगी, जिसे अलग किया जाएगा। यह करीब 30 हजार टन बेसमेंट को भरने में प्रयोग होगा। इन टॉवरों के गिराने के बाद 28 हजार मीट्रिक टन सीएनडी मलबा मानकों के अनुसार नोएडा के सेक्टर-80 स्थित सीएनडी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट में साइंटिफिक ढंग से निस्तारण के लिए पहुंचाया जाएगा।
टॉवरों से निकले मलबे से बनाए जाएंगे सीमेंट और टाइल्स
नोएडा के सेक्टर-80 में प्राधिकरण का सीएनडी वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट है। इसकी क्षमता रोजाना की 300 मीट्रिक टन की है। यहां डंपर से मलबे को लाकर निस्तारित कराया जाएगा। इससे यहां रीसाइकिल कर सीमेंट और टाइल्स बनाई जाएंगी। दोनों ही तरीकों से करीब 20 डंपर रोजाना मलबे को लेकर जाएंगे।बताया गया कि प्राधिकरण ने सीएंडडी वेस्ट प्लांट को लेकर हरी झंडी दी है। दावा किया गया है कि तीन माह के भीतर मलबे का निस्तारण कर दिया जाएगा।
रिपोर्ट – मनीष सिंह
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