लखनऊ: मैं तो यहां पहली बार आया था, रहने को घर नहीं था। कल्याण सिंह ने तब मुझे रहने का ठिकाना दिया था। यह किस्सा रविवार को लखनऊ के एक कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सुनाया। कल्याण सिंह से अपने संबंधों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वे हम लोगों के लिए पथ प्रदर्शक थे। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह की प्रतिमा नगर निगम मुख्यालय के सामने स्थित झंडी पार्क में बनी भूमिगत पार्किंग के सामने लगाई गई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 12 फिट ऊंची कांस की प्रतिमा का अनावरण किया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि मेरा कल्याण सिंह से बड़े भाई और छोटे भाई का रिश्ता था। मैं उनको भाई साहब कहता था। उन्होंने कहा प्रशासनिक साख उनकी तभी बन गई थी, जब वो स्वास्थ्य मंत्री थे। कल्याण सिंह जब दौरे पर जाते थे तो मुझको साथ लेकर जाते थे। इसके साथ ही यह कहा कि उस समय मेरे पास लखनऊ में आवास नहीं था तो उन्होंने कहा मेरे आवास पे आओ यहीं रहो। उनके भाषण की कला अद्भुत थी, जब कभी तबियत थक जाती थी, तो रात में ताश खेलने के लिए बुला लिया करते थे। नकल विरोधी कानून कल्याण सिंह की वजह से पारित हुआ।
भाईसाहब से पान-सुपारी खाना सीखा- राजनाथ
कल्याण सिंह के समय में प्रदेश की कानून व्यवस्था दुरुस्त थी या अब योगी की सरकार में कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त है। सीएम योगी ने जिस तरह प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुधारा है उसकी चर्चा देश के दूसरे राज्य में होती है। वहीं राजनाथ ने बताया कि पान-सुपारी मैंने कल्याण सिंह से खाना सीखा। यूपी का गरीब, किसान ये जानता था कि कल्याण सिंह उनकी चिंता करने वाले नेता थे। कल्याण सिंह के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए बीजेपी को यूपी में ऊंचाई मिली है। उसी के बाद से उत्तर प्रदेश में पार्टी लगातार आगे बढ़ी है।
रिपोर्ट – संदीप तिवारी
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