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मनरेगा श्रमिकों के भुगतान के लिए केंद्र सरकार से रु0 4831.34 करोड़़ की धनराशि की स्वीकृति की गयी प्रदान

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य  ने कहा है कि मनरेगा में मजदूरों व मेटों आदि का ससमय भुगतान हर हाल में सुनिश्चित किया जायेगा, मनरेगा में किसी भी दशा में पैसे की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि लोगों को उनके घर के पास ही रोजगार मिले,और रोजगार के लिए कहीं पलायन न करना पड़े। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि बैंकिंग सखियों के माध्यम से अधिक से अधिक मनरेगा मजदूरों को उनके वर्क साइट पर ही भुगतना कराया जाय,बी सी सखियों को ई -पास मशीन दी गयी है।कहा कि प्रदेश सरकार मनरेगा श्रमिकों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है तथा श्रमिको द्वारा  कार्य की मांग के सापेक्ष कार्य उपलब्ध कराए जाने हेतु प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार मनरेगा श्रमिकों को अकुशल श्रम उपलब्ध कराने के साथ-साथ व्यक्तिगत लाभार्थीपरक योजनाओं का लाभ भी दे रही है। श्री मौर्य ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अकुशल श्रमिकों को श्उन्नतश् योजना के तहत प्रशिक्षित कराया जाय ताकि वह अपने क्षेत्र में कुशल कारीगर बनकर मनरेगा में कार्य करें और उन्हें कुशल कारीगर का पारिश्रमिक प्राप्त हो सके।
बताया कि प्रदेश के मनरेगा श्रमिकों द्वारा उनके किए गए काम के सापेक्ष ससमय  भुगतान हेतु रुव 4831.34 करोड़ की धनराशि की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।
ग्राम्य विकास आयुक्त श्री जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि  वित्तीय वर्ष 2022- 23 में कुल लक्षित  मानव दिवस 26.00 करोड़ के सापेक्ष 17.19 करोड़ मानव दिवस सृजित किया जा चुका है। प्रदेश में कुल 62.45 लाख श्रमिकों द्वारा कार्य किया गया है,जिसमे उन्हें रुव 3689.44 करोड़ धनराशि का भुगतान श्रमान्श के रूप में किया जा चुका है।  वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रदेश सरकार द्वारा रुपए 5698.16 करोड़ का भुगतान श्रम एवं सामग्री में किया जा चुका है। अपर आयुक्त मनरेगा श्री योगेश कुमार केंद्र सरकार से प्रदेश सरकार को अधिक से अधिक धन मनरेगा योजना में प्राप्त हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है, जिससे अधिकांश परिवारों को 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जा सके।