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Agra: एक तरफ ककहरा तो दूसरी ओर ‘इक्का-बेगम-बादशाह’ पर दांव, स्कूल को जुआरियों ने बनाया अड्डा

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शिक्षा का हक और अधिकार सबको मिले इसके लिए नियम कानून सख्त भले ही कर दिए गए हो, लेकिन स्थानीय जिम्मेदारों की खराब निगरानी की वजह से शिक्षा व्यवस्था बदतर हो रही है। आगरा के एक स्कूल में एक ओर बच्चे ककहरा सीख रहे हैं वही जुआरी इक्का, बेगम और बादशाह पर दांव लगा रहे हैं। शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले विद्यालय जुआरियों के लिए जुए का अड्डा बन गए हैं।

कंपोजिट विद्यालय वजीरपुरा और प्राथमिक विद्यालय वजीरपुरा का एक भवन गिरासू हालत में हैं, वहीं दूसरे भवन में बच्चों की पढ़ाई होती है। बच्चे जिस भवन में पढ़ते हैं, उस भवन की छत की कई जगह से सरिया निकली हुई हैं। स्कूल की बाउंड्रीवॉल पीछे से टूटी हुई है जिसकी वजह से बाहर के लोग आकर विद्यालय परिसर में पढ़ाई के समय जुआ खेलते हैं और गाली-गलौज करते हैं। 

इंटरवेल के समय कई बार बच्चे भी जुआ देखने के लिए जुआरियों के पास खड़े हो जाते हैं। शिक्षकों के कहने पर वहां के आसपास के लोग शिक्षकों के साथ बुरा व्यवहार करते हैं। बिना पूछे कोई भी विद्यालय से सामान ले जाता है। वहीं बस्ती के बच्चे स्कूल में घुस आते हैं और वहां पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई नहीं करने देते हैं। 

शौचालय पर लगाना पड़ता है ताला

बाहरी लोगों का स्कूल में आने की वजह से स्कूल के शौचालय का ताला लगाना पड़ता है। इसकी वजह से शिक्षक और बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जुआरियों ने कई बार ताला तोड़ कर शौचालय को नुकसान पहुंचाया है।

कक्षा में कैद रहती हैं छात्राएं 

स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को कक्षा से बाहर निकलने में भी डर लगता है। इसलिए वह स्कूल समय तक क्लास में ही रहती हैं और छुट्टी के बाद सीधे घर चली जाती हैं। टॉयलेट जाने के लिए वह शिक्षिका को अपने साथ लेकर जाती हैं।

चहारदीवारी टूटी 

शिक्षिका गीता ने बताया कि स्कूल की चहारदीवारी टूटी होने की वजह से वाहरी तत्व स्कूल में घुस आते हैं। यहां जुआ खेलते हैं। मना करने पर धमकाते हैं। इस मामले में अधिकारियों को शिकायत भेजी जाएगी।

जांच की जाएगी- बीएसए

बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीन कुमार तिवारी ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। किसी के द्वारा कोई शिकायत भी नहीं की गई है। अगर ऐसा है तो मौके पर जाकर देखा जाएगा और कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी। 

विस्तार

शिक्षा का हक और अधिकार सबको मिले इसके लिए नियम कानून सख्त भले ही कर दिए गए हो, लेकिन स्थानीय जिम्मेदारों की खराब निगरानी की वजह से शिक्षा व्यवस्था बदतर हो रही है। आगरा के एक स्कूल में एक ओर बच्चे ककहरा सीख रहे हैं वही जुआरी इक्का, बेगम और बादशाह पर दांव लगा रहे हैं। शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले विद्यालय जुआरियों के लिए जुए का अड्डा बन गए हैं।

कंपोजिट विद्यालय वजीरपुरा और प्राथमिक विद्यालय वजीरपुरा का एक भवन गिरासू हालत में हैं, वहीं दूसरे भवन में बच्चों की पढ़ाई होती है। बच्चे जिस भवन में पढ़ते हैं, उस भवन की छत की कई जगह से सरिया निकली हुई हैं। स्कूल की बाउंड्रीवॉल पीछे से टूटी हुई है जिसकी वजह से बाहर के लोग आकर विद्यालय परिसर में पढ़ाई के समय जुआ खेलते हैं और गाली-गलौज करते हैं। 

इंटरवेल के समय कई बार बच्चे भी जुआ देखने के लिए जुआरियों के पास खड़े हो जाते हैं। शिक्षकों के कहने पर वहां के आसपास के लोग शिक्षकों के साथ बुरा व्यवहार करते हैं। बिना पूछे कोई भी विद्यालय से सामान ले जाता है। वहीं बस्ती के बच्चे स्कूल में घुस आते हैं और वहां पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई नहीं करने देते हैं।