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आगरा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने प्राथमिकता कॉरिडोर में तीन स्टेशनों के प्लेटफॉर्म की छत का निर्माण शुरू कर दिया है। पीईबी स्ट्रक्चर के जरिये एलिवेटेड स्टेशनों की छतों का निर्माण कराया जा रहा है। इसके साथ ही डिपो परिसर में स्टेब्लिंग शेड, पिट व्हील लेथ एवं इंटीग्रेटेड वर्कशॉप में पीईबी स्ट्रक्चर को कवर करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
प्राथमिकता कॉरिडोर के तीन एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन (ताज ईस्ट गेट, बसई एवं फतेहाबाद रोड) का सिविल निर्माण कार्य पूरा हो गया। फिलहाल, तीनों स्टेशनों पर फिनिशिंग कार्य किए जा रहे हैं। ताज ईस्ट गेट एवं बसई मेट्रो स्टेशन पर छत का निर्माण शुरू हो गया है।
पीईबी तकनीक से हो रहा निर्माण
पीईबी यानी प्री इंजीनियर्ड बिल्डिंग तकनीक के जरिए बेहद ही कम समय में बड़े एवं विशाल शेड का निर्माण किया जाता है। इस तकनीक में निर्माण स्थल पर पीईबी स्ट्रक्चर के लिए फाउंडेशन का काम किया जाता है। इसके बाद फैक्टरी में निर्मित पीईबी के मेटल से बने विभिन्न भागों को निर्माण स्थल पर लाकर जोड़ा जाता है और विशाल शेड का निर्माण किया जाता है। इस तकनीक के जरिए न सिर्फ समय की बचत होती है बल्कि निर्माण की लागत में कमी आती है।
आगरा मेट्रो आंकड़ों की नजर से
8380 करोड़ रुपये मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत।
29 किमी. लंबे दो कॉरिडोर में 27 स्टेशन।
14 किमी. लंबा सिकंदरा से ताजपूर्वी गेट तक पहला कॉरिडोर।
6 स्टेशन तीन एलिवेटिड व तीन भूमिगत के बीच चलेगी ट्रेन।
विस्तार
आगरा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने प्राथमिकता कॉरिडोर में तीन स्टेशनों के प्लेटफॉर्म की छत का निर्माण शुरू कर दिया है। पीईबी स्ट्रक्चर के जरिये एलिवेटेड स्टेशनों की छतों का निर्माण कराया जा रहा है। इसके साथ ही डिपो परिसर में स्टेब्लिंग शेड, पिट व्हील लेथ एवं इंटीग्रेटेड वर्कशॉप में पीईबी स्ट्रक्चर को कवर करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
प्राथमिकता कॉरिडोर के तीन एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन (ताज ईस्ट गेट, बसई एवं फतेहाबाद रोड) का सिविल निर्माण कार्य पूरा हो गया। फिलहाल, तीनों स्टेशनों पर फिनिशिंग कार्य किए जा रहे हैं। ताज ईस्ट गेट एवं बसई मेट्रो स्टेशन पर छत का निर्माण शुरू हो गया है।
पीईबी तकनीक से हो रहा निर्माण
पीईबी यानी प्री इंजीनियर्ड बिल्डिंग तकनीक के जरिए बेहद ही कम समय में बड़े एवं विशाल शेड का निर्माण किया जाता है। इस तकनीक में निर्माण स्थल पर पीईबी स्ट्रक्चर के लिए फाउंडेशन का काम किया जाता है। इसके बाद फैक्टरी में निर्मित पीईबी के मेटल से बने विभिन्न भागों को निर्माण स्थल पर लाकर जोड़ा जाता है और विशाल शेड का निर्माण किया जाता है। इस तकनीक के जरिए न सिर्फ समय की बचत होती है बल्कि निर्माण की लागत में कमी आती है।
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