कानपुर : कानपुर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के चंदा वसूली को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। कृष्ण जन्माष्टमी का चंदा वसूलने के आरोप में आरपीएफ इंस्पेक्टर समेत पांच को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में कार्रवाई के बाद कानपुर से लेकर प्रयागराज तक पूरे विभाग में हड़कंप मच गया है। गुरुवार को चंदा वसूली की पर्ची सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। चंदा वसूली की पर्ची में आरपीएफ बैरक झकरकटी की मुहर लगी थी। आरपीएफ कमांडेंट ने वायरल पर्ची को संज्ञान में लेने के बाद आरपीएफ इंस्पेक्टर समेत पांच को निलंबित कर दिया।
झकरकटी बस अड्डे के पास आरपीएफ की एक पुरानी बैरक है। बैरक परिसर में मंदिर बना हुआ है। जन्माष्टमी के मौके पर मंदिर की साज-सज्जा और पूजन-पाठ के लिए चंदा वसूला जा रहा था। लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी वाली बात यह है कि चंदा वसूली पर्ची में श्री कृष्ण जन्माष्टमी आरपीएफ बैरक झकरकट्टी की मुहर लगी हुई थी। विभाग को चंदा वसूली पर्ची में लगी मुहर सबसे ज्यादा खटक गई। फिलहाल इस पूरे प्रकरण की अभी भी जांच जारी है।
इन पर हुई कार्रवाई
चंदा वसूली की वायरल पर्ची को आरपीएफ कमांडेंट ने संज्ञान में लेते हुए इंस्पेक्टर बुद्धपाल, दारोगा मोहम्म्द असलम, सिपाही विवेकानंद तिवारी, अनिल शर्मा, आरपीएफ इंटेलीजेंस विंग एसआईबी के दारोगा सोमवीर को निलंबित किया गया है। इसके साथ ही विभाग की तरफ से निर्देशित किया गया है कि आरपीएफ की तरफ से किसी से भी चंदा नहीं मांगा जाएगा। प्रयागराज में आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त मनोज सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
अधिकारियों को देंगे जवाब
आरपीएफ इंस्पेक्टर बुद्धपाल सिंह ने फिलहाल इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि अधिकारियों के समक्ष जवाब पेश करूंगा। जानकारी के मुताबिक आरपीएफ बैरक झकरट्टी में बीते कई वर्षों से जन्माष्टमी का आयोजन किया जा रहा था। लेकिन टीम ने यह बताने से इंकार कर दिया कि इसके लिए चंदा वसूला जाता था या नहीं।
रिपोर्ट- सुमित शर्मा
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