गोरखपुर: भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) को लेकर अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। इस बार भाजपा सरकार की तैयारी कुछ अलग है। पार्टी की ओर से प्रदेश की सभी 80 सीटों के लिए रणनीति तैयार की जा रही है। अगर किसी जाति वर्ग का वोट कटता दिख रहा है, उसके लिए बैकअप प्लान तैयार किया जा रहा है। पार्टी हर वर्ग में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश में है। इस क्रम में अब भाजपा ने अनुसूचित जनजाति वर्ग को टारगेट करने का फैसला लिया है। गुरुवार को गोरखपुर में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसमें सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) जनजातियों को संगठन से जोड़ने का मंत्र देंगे।
यूपी की सभी 80 संसदीय सीटों पर क्लीन स्वीप की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी संगठन के सभी मोर्चों को धारदार बनाने में जुटी हुई है। इसलिए मंगलवार से गोरखपुर के संस्कृति पब्लिक स्कूल रानीडीहा में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ है। तीन दिवसीय इस शिविर के अंतिम दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। इस दौरान वे कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करेंगे और सभी जनजातियों को संगठन के पक्ष में एकजुट करने का मंत्र मोर्चा पदाधिकारियों को देंगे। भाजपा के हमेशा चुनावी मोड में रहने का यह एक बड़ा उदाहरण है। यूपी चुनाव के खत्म होते ही पार्टी 2024 की तैयारियों में जुट गई है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि चुनावी तैयारियों में जुटे रहने से कार्यकर्ताओं में भी उत्साह बना रहता है। इसका परिणाम मिल रहा है।
2024 का है अब टारगेट
भाजपा के निशाने पर अब वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव है। वर्ष 2014 और 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में भाजपा की सरकार बनाने में यूपी में पार्टी को मिली बम्पर सफलता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 2024 में भी केंद्र की सत्ता का रास्ता यहीं से गुजरेगा। ऐसे में बीजेपी जमीनी स्तर पर तैयारियों में जुटी हुई है। इसी सिलसिले में अलग-अलग मोर्चों और प्रकोष्ठों तक को हरेक वोटर तक पहुंच बनाने के लिए रणनीतिक रूप से तैयार किया जा रहा है। रणनीतिक तैयारियों के ही क्रम में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण शिविर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होने गुरुवार को गोरखपुर आ रहे हैं। शिविर में सीएम योगी के व्यावहारिक टिप्स अनुसूचित जनजाति मोर्चा के लिए काफी कारगर होंगे।
सीएम योगी शुरू से ही जनजातीय समाज के हितों को लेकर संवेदनशील रहे हैं। वनवासी और आदिवासी समाज के लिए सांसद के रूप में संघर्ष करने से लेकर, मुख्यमंत्री के रूप में उनके उत्थान की योजनाओं के क्रियान्वयन तक, जनजातीय समाज के लिए उन्होंने लगातार काम किया हैं। व्यावहारिक रूप से उनके सुझाव जनजातियों को भाजपा के पक्ष में पूरी तरह लामबंद करने में काफी मददगार होंगे।
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