नोएडा/गाजियाबाद: देश की राजधानी दिल्ली के साथ पड़ोसी नोएडा और गाजियाबाद में भी एक बार फिर कोरोना संक्रमण तेजी के साथ बढ़ना शुरू हो गया है। दूसरी तरफ पब्लिक में उतनी ही ज्यादा लापरवाही देखने को मिल रही है। लोग सार्वजनिक स्थलों पर बिना मास्क लगाए हुए घूम रहे हैं। वह चाहे रेलवे स्टेशन हो या कोई बाजार। हर जगह पर लोग बिना मास्क लगाए हुए घूम रहे हैं। सोशल डिस्टेसिंग को भी लोग भूल चुके हैं। सरकार भी सोशल डिस्टेसिंग को लेकर नियम नहीं लागू कर रही है। लेकिन मास्क लगाए जाने पर जोर दिया जा रहा है। दिल्ली सरकार की तरफ से सार्वजनिक स्थान पर बिना मास्क के चलने पर 500 रुपये जुर्माना का नियम लागू किया है। लेकिन नोएडा और गाजियाबाद में ऐसा कुछ भी नहीं है। एनबीटी टीम ने अलग-अलग स्थानों पर जाकर जायजा दिया। पेश है एक रिपोर्ट –
रेलवे स्टेशन का हाल
गाजियाबाद के रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो और तीन पर लोग बैठे थे। 90 फीसदी से अधिक लोगों ने मास्क नहीं लगाया था। सोशल डिस्टेसिंग का भी पालन नहीं हो रहा था। खास बात यह है कि रेलवे की तरफ से इस पर कोई जागरूक किए जाने को लेकर भी अभियान नहीं चलाया जा रहा है। जबकि मेट्रो में बिना मास्क के सफर करने पर 500 रुपए जुर्माना लग रहा है।
बस अड्डे के हालात
पुराने बस अड्डे में पर भी आने वाली सवारियां में से इक्का-दुक्का लोग ही मास्क लगाए हुए दिख रहे थे। जबकि बाकी लोग बिना मास्क के ही सफर रहे है। इसके अलावा सरकारी ऑफिसों में भी मास्क को लेकर सख्ती नहीं बरती जा रही है। अभी खुलेआम भी ऑफिसों में लोग बिना मास्क के आना जाना जारी है।
बाजारों का है बुरा हाल
सिहानी गेट, अग्रसेन बाजार और घंटाघर बाजार, राकेश बाजार और नवयुग मार्केट में लोग बिंदास बिना मास्क लगाए ही खरीददारी कर रहे है। राकेश मार्ग के स्वीटस की दुकान पर भी दुकानदार से लेकर ग्राहक तक बिना मास्क लगाए ही बैठे थे। मेडिकल स्टोर हो या फिर किराने की दुकान, सब जगह एक जैसे ही हालात बने हुए है।
बीमार लोग नहीं करवा रहे हैं टेस्ट
इस समय अधिकांश घरों में लोग बुखार से पीड़ित है। लेकिन लोग कोरोना टेस्ट करवाने से बच रहे है। धीरे-धीरे करके घर के अन्य लोग भी बुखार की चपेट में आ रहे है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि किसी को दो से तीन दिन तक बुखार लगातार आ रहा है तो उन्हें कोरोना टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। जिससे बाकी लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके।
नोएडा के निजी अस्पतालों में 5 फीसदी बेड रिजर्व
नोएडा के निजी अस्पतालों में 5 फीसदी बेड रिजर्व रखे जाएंगे। इसके लिए इंडियन मेडिकल असोसिएशन की ओर से सभी निजी अस्पतालों को निर्देश जारी किया गया है। अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 15 दिन में दोगुनी हो गई है। बुधवार को 7 छात्रों समेत 172 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। 173 मरीज ठीक हुए। सक्रिय मरीजों की संख्या 1084 हो गई। कुल 32 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस समय कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 11 फीसदी पहुंच गई है।
सरकारी अस्पताल में कम भर्ती हो रहे कोरोना मरीज
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना के 4 मरीज भंगेल सीएचसी पर भर्ती हैं। अन्य 28 निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। मरीज निजी अस्पतालों की ओर ज्यादा रुख कर रहे हैं और सरकारी अस्पताल में कोरोना के मरीज कम भर्ती हो रहे हैं। इसलिए अब इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने सभी निजी अस्पतालों को सूचित कर दिया है कि सभी अस्पतालों में 5 फीसदी बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व रखे जाएं। जिससे कि जरूरत पड़ने पर मरीज को आइसोलेट करके इलाज किया जा सके। इंडियन मेडिकल असोसिएशन नोएडा के अध्यक्ष डॉ. सुनील अवाना ने बताया कि फिलहाल शासन की ओर से अभी कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है लेकिन लोकल स्तर पर सभी अस्पतालों को अलर्ट जारी किया गया है।
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