ललितपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने ललितपुर के पुलिस अधीक्षक समेत चार आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर कर दिया है। यूपी में इस साल दोबारा योगी सरकार बनने के कुछ समय बाद ही ललितपुर में अप्रैल में नाबालिग से रेप मामले ने खूब तूल पकड़ा था। यहां के पाली थाने में एसएचओ तिलकधारी सरोज पर आरोप लगा कि उन्होंने थाना परिसर में बने कमरे में गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराने आई किशोरी से दुष्कर्म किया। बवाल मचने के बाद आरोपी एसएचओ को अरेस्ट कर लिया गया था। सपा, कांग्रेस और बसपा समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को जोर शोर से उछाला था।
ललितपुर में तैनात एसपी निखिल पाठक इस मामले में काफी एक्टिव दिखे थे। एसपी ने आरोपी थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया था, साथ ही पूरा थाना लाइन हाजिर कर दिया। बावजूद इसके अन्य प्रशासनिक अफसरों के साथ निखिल पाठक का भी तबादला कर दिया गया है। इस मामले में दारोगा सहित सहित 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। एडीजी जोन ने पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया है। 6 एसआई, 6 हेड कॉन्स्टेबल, 10 आरक्षी, 5 महिला आरक्षी, एक ड्राइवर और एक फॉलोवर समेत 29 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर कर दिए गए थे।
चाइल्ड केयर काउंसलिंग में यौन उत्पीड़न का पता चला
इस मामले में आरोपी एसएचओ के कहने पर किशोरी की मौसी उसको लेकर पाली थाने पहुंची थी। चाइल्ड केयर की काउंसलिग में पता चला था कि नाबालिग के साथ थाने में यौन उत्पीड़न हुआ था। पाली थाना क्षेत्र में ही रहने वाले चार लोग इस साल 22 अप्रैल को नाबालिग को भोपाल ले गए थे। इस दौरान मां ने अपनी बेटी को खोजने के लिए एसपी से गुहार लगाई, जिसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की। पुलिस की छानबीन शुरू होने पर लड़की की मौसी 26 अप्रैल को आरोपियों के साथ किशोरी को लेकर थाने पहुंची थी।
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