प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देकर रोजगार सृजन की दिशा में अभिनव प्रयास प्रयास किए जा रहे हैं।उत्तर प्रदेश को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के मजबूत आधार के रुप में विकसित होने की अपार संभावनाओ के दृष्टिगत भारत सरकार के सहयोग से लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए प्रदेश सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रही है।श्री मौर्य बुधवार को विधान भवन में अपने कक्ष में खाद्य प्रसंस्करण विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।श्री मौर्य ने कहा कि विभागीय योजनाओं में नवीन गतिविधियों को शामिल करते हुए इनको अधिक से अधिक कृषकों एवं उद्यमियों में प्रचार-प्रसार करते हुए लाभान्वित किया जाय । निर्देश दिए कि एनसीआर की ओर खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के रूझान के दृष्टिगत् उ0प्र0 के अन्य भागों में भी एनसीआर जैसी अवस्थापना सुविधायें विकसित कराने का प्रयत्न किया जाय, ताकि अन्य भागों में भी उद्यमी खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित करने में रूचि लें।कहा कि प्रदेश में किसानों के उत्पादन में हो रही पोस्ट हार्वेस्ट क्षतियों को कम करने हेतु फल-सब्जी प्रसंस्करण में कोल्ड चेन से सम्बन्धित कार्यक्रम/योजना बनायी जाय। कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अनगिनत अवसरों के दृष्टिगत् बेरोजगार युवक, युवतियों, किसानों, उद्यमियों को आकर्षित/प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से द्य जनपद स्तर पर विभागीय प्रदर्शनी एवं संगोष्ठियों का आयोजन किया जाय। जनपद – वाराणसी में माह अगस्त, 2022 में एक कैम्प आयोजित किया जाय। वाराणसी के सांसद आदर्श ग्रामों में सर्वेक्षण कर खाद्य प्रसंस्करण के सम्भावित लाभार्थियों को चिन्हित करते हुए, उन्हें विभागीय योजनाओं से लाभान्वित किया जाय। यह भी निर्देश दिए कि खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अन्तर्गत संचालित फल संरक्षण केन्द्रों, राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्रों में रिक्त पदों पर कार्मिकों की भर्ती हेतु प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराया जाय साथ ही सीधी भर्ती से भरे जाने वाले रिक्त पदों के अधियाचन की कार्यवाही करते हुए आयोग से कार्मिकों के चयन तक रिक्त पदों के सापेक्ष सेवा प्रदाता के माध्यम से कार्मिकों की आपूर्ति की जाय उन्होंने निर्देश दिए कि राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्रों, फल संरक्षण केन्द्रों के भवनों की मरम्मतकराते हुए प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था करायी जाय। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना/उच्चीकरण सम्बन्धी प्रस्ताव तैयार कर बजट का प्राविधान कराया जाय ।राजकीय खाद्य विज्ञान केन्द्रों पर संचालित ट्रेड पाठ्यक्रम की सीटें बढ़ाई जाय। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत पीएम एफएमई/विभागीय योजनान्तर्गत कम से कम 100 इकाईयां प्रति जनपद स्थापित करायी जाय कहा कि प्रस्तावित 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनोमी हेतु खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 5 वर्षों में 20 हजार करोड़ रूपये निवेश कराये जाने का लक्ष्य हैं, जिसे प्राप्त करने हेतु प्रयास किये जाय । निर्देश दिए कि पी एम एफएमई योजना के वृहद् प्रचार-प्रसार के लिए सोशल मीडिया, टोल फ्री नम्बर, वेबसाआइट, वाट्सएप नम्बर का उपयोग किया जाये तथा इसके लिए एजेन्सी का चयन कर कार्यवाही की जाये ।कहा कि स्टीविया की खेती आधुनिक तरीके से करने एवं प्रसंस्करण को बढ़ावा देने हेतु एक कार्य योजना बनाई जाय ताकि अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित किया जा सके। यह भी निर्देश दिए कि मण्डल स्तरीय 10 राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केन्द्रों जैसे संस्था अन्य जनपदों में भी स्थापित करने हेतु कार्य योजना बनाई जाये, इस सम्बन्ध में अन्य विभागों के अप्रयोग भवन उपलब्ध हों तो उनका सर्वेक्षण कराते हुए इस कार्य योजना में सम्मिलित किया जाये । जिन उद्यमियों को वर्ष 2022-23 में उ0प्र0 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 के अन्तर्गत अनुदान अन्तरण की कार्यवाही की जा रही है। उन्हें लखनऊ आमंत्रित कर विभागीय अन्य योजनाओं की तकनीकी जानकारी कराते हुए अनुदान वितरण कार्यशाला आयोजित की जाय ।बैठक में निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग श्री आर के तोमर ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में संगठित क्षेत्र में कुल 62150 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयाँ स्थापित हैं। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में आटा, चावल, फल एवं सब्जी, मसाला, बेकरी एवं कन्फेक्शनरी, दुग्ध प्रसंस्करण इकाईयां एवं निजी क्षेत्र के शीतगृह स्थापित हैं। प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आई०टी० सेक्टर के बाद सबसे ज्यादा रोजगार सृजन की सम्भावनायें विद्यमान हैं। प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय कच्चे माल का प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन कर कृषकों की आय को दुगना किया जा सके तथा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन हो सके। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्याप्त मात्रा में कच्चे माल की उपलब्धता एवं असीमित सम्भावनाओं के दृष्टिगत् प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देना प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में हैं।
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