नोएडा: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नोएडा में सोमवार को अचानक शराब की बिक्री बढ़ (Noida Liquor Sell hike) गई। दुकानों पर ग्राहकों की भारी भीड़ पहुंची। इसका कारण पड़ोसी राज्य दिल्ली में शराब स्टोर और बार का बंद होना रहा। दिल्ली-नोएडा सीमा पर एक दिन में शराब की बिक्री में 90 से 100 फीसदी की वृद्धि देखी गई। हालांकि, मंगलवार को एक बार फिर नोएडा में शराब की बिक्री सामान्य हो गई। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने राज्य सरकार के निजी शराब की दुकानों, क्लबों और बार के आबकारी लाइसेंस को 31 अगस्त तक एक महीने तक बढ़ाने के कदम को मंजूरी दे दी। इसके बाद वहां शराब की दुकानें एक बार फिर खुली तो नोएडा के दुकानों पर भीड़ सामान्य हो गई। 31 जुलाई को दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 के समाप्त होने के बाद इस प्रकार की स्थिति देखी गई।
दिल्ली के न्यू अशोक नगर से सटे सेक्टर 1 में शराब की दुकान चलाने वाले शुभम अरोड़ा ने कहा कि हम एक दिन में 80,000 रुपये की शराब बेचते हैं। सोमवार को हमने 1.5 लाख रुपये की शराब बेची। हालांकि, मंगलवार को दुकानों के रूप में बिक्री सामान्य हो गई। दिल्ली फिर से खुल गई। नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के नोएडा चैप्टर के प्रमुख वरुण खेरा ने बताया कि सोमवार को अलग-अलग रेस्टोरेंट में ग्राहकों की संख्या में इजाफा हुआ। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मंगलवार को शराब की दुकानें और बार खुले और लोगों की भीड़ सामान्य हो गई। नोएडा में इसके प्रभाव का अंदाजा लगाने के लिए हमें कुछ दिनों तक इंतजार करना होगा।
हालांकि, गौतमबुद्धनगर के आबकारी अधिकारी आरबी सिंह ने कहा कि एक दिन के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए कोई ठोस डेटा नहीं है। उन्होंने कहा कि हम एक दिन की बिक्री पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते। हम दिल्ली की नीतियों को ध्यान से पढ़ रहे हैं। हमने दिल्ली-नोएडा सीमाओं पर प्रवर्तन तेज कर दिया है।
उत्पाद शुल्क में कटौती से हुआ था नुकसान
दिल्ली में एक शराब की बोतल पर एक फ्री दिए जाने की योजना के कारण नोएडा को राजस्व नुकसान हुआ था। दिल्ली सरकार की ओर से उत्पाद शुल्क में कटौती की और असर नोएडा के शराब दुकानों पर देखने को मिला। हालांकि, नोएडा के उत्पाद शुल्क विभाग ने एक जांच अभियान शुरू किया। दिल्ली से शराब के लाने पर रोक लगाई और इस तिमाही में राजस्व बढ़ाने में कामयाब रहा।
आबकारी अधिकारी ने बताया कि 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक विभाग ने निर्धारित लक्ष्य 487 करोड़ रुपये में से 470 करोड़ रुपये हासिल किया। यह निर्धारित लक्ष्य का 96.55 फीसदी रहा। इस दौरान विभाग की ओर से 164 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 72 वाहन और 14,812 लीटर तस्करी की शराब भी जब्त की गई। पिछले वित्तीय वर्ष में, आबकारी विभाग ने 1346 करोड़ रुपये की राजस्व उगाही की थी।
गाजियाबाद में भी दिखा असर
दिल्ली में शराब की दुकानों की बंदी का असर गाजियाबाद में भी दिखा। सोमवार को शराब की बिक्री में मामूली बढ़ोतरी की बात स्वीकार करते हुए जिला आबकारी अधिकारी आरके सिंह ने कहा कि दिल्ली में सोमवार को शराब की दुकानें बंद रहीं। इस कारण तेजी देखी गई। मंगलवार को इसमें कमी देखी गई। दिल्ली में पिछले साल सितंबर में लाई गई एक्साइज पॉलिसी का असर जिले में दिखा है। गाजियाबाद के भोपुरा सीमा पर एक शराब दुकान के मालिक दलजीत सिंह ने कहा कि हम आम तौर पर 20 हजार रुपये की शराब बेचते हैं, लेकिन सोमवार को यह आंकड़ा 60 हजार रुपये तक पहुंच गया।
दलजीत सिंह ने कहा कि मंगलवार को फिर से बिक्री घटकर 30 हजार रुपये हो गई। गाजियाबाद पुलिस ने इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच 350 लोगों को गिरफ्तार किया। 104 वाहन और 3,500 लीटर तस्करी की शराब भी जब्त की।
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