ताजनगरी में कॉमनवेल्थ का ‘तोहफा’ 12 साल में गड्ढों में तब्दील हो गया। 10 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने के बाद भी कलेक्ट्रेट से शुरू होकर शास्त्रीपुरम के रास्ते नेशनल हाईवे से जोड़ने वाली 14 किमी लंबी एमजी रोड-2 कदम-कदम पर ध्वस्त पड़ी है। इस चार लेन सड़क का निर्माण 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान आगरा आने वाले खिलाड़ियों के लिए हुआ था।
शहर में एक एमजी रोड है, जो भगवान टॉकीज चौराहा से प्रतापपुरा चौराहा तक है। कॉमनवेल्थ खेलों के समय शहर में एमजी रोड का विकल्प तलाशा गया। नाम रखा एमजी रोड-2, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) इसके निर्माण पर 2010 से लेकर 2022 तक करीब दस करोड़ रुपये खर्च कर चुका है।
चौड़ीकरण में 2.50 करोड़ रुपये खर्च हुए
2013-14 में बोदला से मघटई मोड़ शास्त्रीपुरम तक चौड़ीकरण पर 2.50 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसके अलावा हर साल सड़क के गड्ढों की मरम्मत, नवीनीकरण पर 40 से 50 लाख रुपये खर्च हुए।
मंगलवार को ने सड़क की पड़ताल की, तो मारुति एस्टेट चौराहा से लेकर मघटई मोड़ तक सड़क ध्वस्त मिली। इस सात किमी में 150 से अधिक गड्ढे हैं। मारुति एस्टेट चौराहा पर गड्ढों में ईंट-पत्थर डाल कर भरे हैं। जिनसे दुर्घटना हो सकती है।
श्याम नगर के सामने करीब सड़क का एक हिस्सा खुदा पड़ा है। यहां सीवर लाइन डाली जा रही है। बोदला से बिचपुरी रोड पर अवधपुरी मोड़ पर सड़क धंस गई है। गड्ढे में मिट्टी भर दी गई है। वाहनों के पहियों से धूल उड़ रही है। अमरपुरा से जीडी गोयनका स्कूल तक सड़क में एक-एक फुट गहरे गड्ढे हैं। यहां रोज स्कूल वाहन गुजरते हैं।
ये है एमजी रोड-2
कलेक्ट्रेट से पुलिस लाइन होते हुए सदर तहसील मोड़ से पंचकुइयां, जीआईसी मैदान से कोठी मीना बाजार होते हुए साकेत कॉलोनी से मानस नगर, मारुति एस्टेट चौराहा से विनय नगर, बोदला से अमरपुरा, मघटई मोड़ से शास्त्रीपुरम होते हुए यूपीएसआईडीसी के आरओबी होते हुए आगरा-दिल्ली हाईवे को जोड़ती है।
रोज गुजरते हैं ढाई लाख वाहन
एक रिपोर्ट के अनुसार एमजी रोड-2 पर प्रतिदिन करीब ढाई लाख वाहन गुजरते हैं। इनमें करीब 60 हजार चार पहिया वाहन हैं। एमजी रोड के बाद यह शहर की सबसे व्यस्त सड़क है। जयपुर हाइवे से लिंक होने के कारण रात में भारी वाहनों की आवाजाही होती है।
गड्ढों को भरवाया जाएगा
पीडब्ल्यूडी सीडी-2 के अधिशासी अभियंता गजेंद्र वार्ष्णेय ने बताया कि मैंने अभी ज्वॉइन किया है। आपने सड़क के बारे में बताया है तो एई और जेई को भेजकर निरीक्षण कराता हूं। सड़क के गड्ढों को तत्काल भरवाया जाएगा। जो कमियां होंगी उन्हें दूर कराएंगे।
सड़क का बनेगा प्रस्ताव
विधान परिषद के विधायक विजय शिवहर ने बताया कि सड़क टूटी पड़ी है। मेरे पास भी शिकायतें आई हैं। मैं इस सड़क का प्रस्ताव बनवा रहा हूं। जल्द पीडब्ल्यूडी से पूरी सड़क को ठीक कराया जाएगा। सड़क की गुणवत्ता से खिलवाड़ नहीं होगा।
ताजनगरी में कॉमनवेल्थ का ‘तोहफा’ 12 साल में गड्ढों में तब्दील हो गया। 10 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने के बाद भी कलेक्ट्रेट से शुरू होकर शास्त्रीपुरम के रास्ते नेशनल हाईवे से जोड़ने वाली 14 किमी लंबी एमजी रोड-2 कदम-कदम पर ध्वस्त पड़ी है। इस चार लेन सड़क का निर्माण 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान आगरा आने वाले खिलाड़ियों के लिए हुआ था।
शहर में एक एमजी रोड है, जो भगवान टॉकीज चौराहा से प्रतापपुरा चौराहा तक है। कॉमनवेल्थ खेलों के समय शहर में एमजी रोड का विकल्प तलाशा गया। नाम रखा एमजी रोड-2, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) इसके निर्माण पर 2010 से लेकर 2022 तक करीब दस करोड़ रुपये खर्च कर चुका है।
चौड़ीकरण में 2.50 करोड़ रुपये खर्च हुए
2013-14 में बोदला से मघटई मोड़ शास्त्रीपुरम तक चौड़ीकरण पर 2.50 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसके अलावा हर साल सड़क के गड्ढों की मरम्मत, नवीनीकरण पर 40 से 50 लाख रुपये खर्च हुए।
मंगलवार को ने सड़क की पड़ताल की, तो मारुति एस्टेट चौराहा से लेकर मघटई मोड़ तक सड़क ध्वस्त मिली। इस सात किमी में 150 से अधिक गड्ढे हैं। मारुति एस्टेट चौराहा पर गड्ढों में ईंट-पत्थर डाल कर भरे हैं। जिनसे दुर्घटना हो सकती है।
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