लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में तीखे तेवरों के लिए पहचाने जाने वाले सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर सामाजवादी पार्टी से गठबंधन से आजाद हो गए हैं। अब उनके अगले कदम को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि ओमप्रकाश राजभर भारतीय जनता पार्टी के साथ आगे का सफर तय करेंगे। माना जा रहा है कि 2024 के लोकचुनाव से पहले प्रदेश में वह सत्ता में भागीदारी पा सकते हैं। सवाल ये है कि ऐसा होने पर क्या बीजेपी बाहुबली मुख्तार अंसारी के अब्बास अंसारी को अपना पाएगी, क्योंकि सुभासपा के 6 विधायकों में से अब्बास मऊ सदर सीट से विधायक हैं।
जल्द भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व से कर सकते हैं मुलाकात
सुभासपा सूत्रों की माने तो ओमप्रकाश राजभर की अगले एक सप्ताह के अंदर मुलाकात भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से होने वाली है। मुलाकात में यह तय होगा कि लोकसभा 2024 में साथ-साथ चलने के लिए राजभर की किस तरह प्रदेश की सत्ता में समायोजित किया जाए। गौरतलब है कि, सपा से अलग होने के बाद से ही राजभर को भाजपा से जोड़कर देखा जाने लगा है। ऐसे में सवाल यह है कि कभी भाजपा के लिए विरोधाभार रखने वाले राजभर क्या उनके साथ फिट बैठ पाएंगे।
राष्ट्रपति चुनाव से बनाई दूरियां
दिल्ली में भाजपा नेता धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात के बाद राजभर की नजदीकियां फिर से भाजपा के केंद्रीय और प्रदेश के नेताओं से बढ़ने लगीं। इन नजदीकियों की हर सूचनाएं सपा मुखिया अखिलेश को हो गई थी, जिसके बाद से उन्होंने अहम फैसलों में राजभर को साथ लाने से परहेज करना शुरू कर दिया। राष्ट्रपति चुनाव में सपा और सुभासपा की दूरियां सतह पर दिखने लगीं। इस चुनाव ने अलगाव की इबारत लिख दी थी।
सपा की तरफ से लिखा गया था पत्र
समाजवादी पार्टी की ओर से गठबधंन के साथी रहे सुभासपा मुखिया ओम प्रकाश राजभर को जो पत्र लिखा गया। उसमें कहा गया है कि ‘ओम प्रकाश राजभर जी समाजवादी पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रही है, आपका बीजेपी के साथ गठजोड़ है और लगातार बीजेपी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं, अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं।’
अखिलेश को नसीहत दे रहें थे राजभर
MLC चुनाव में हिस्सेदारी न मिलने व राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा को लेकर हुई सपा दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में न बुलाए जाने से ओपी राजभर बागी हो गए। इसके बाद लगातार अखिलेश यादव को एसी से बाहर निकलने की नसीहत दे रहे थे। वहीं, शिवपाल और राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट देने की बात कहकर सपा को झटका दे दिया। बीते शनिवार को समाजवादी पार्टी की ओर से जारी हुए आधिकारिक पत्र में दोनों पार्टी से दूर होने के लिए स्वतंत्रता देने की बात कही गई थी।
रिपोर्ट-संदीप तिवारी
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