Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

हाईकोर्ट ने कहा : सहमति से बनाए गए संबंध में रेप का आरोप सही नहीं

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सहमति से बनाए गए संबंध मेें रेप का आरोप सही नहीं है। कोर्ट ने इस आधार पर गोरखपुर के याची धनंजय गुप्ता को निजी मुचलके और दो प्रतिभूतियों के साथ रिहा करने का आदेश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने याची की जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है।

याची के खिलाफ गोरखपुर के खजनी थाने में आईपीसी की धारा 343, 504, 506, 376 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। याची जेल में है। मामले में सत्र न्यायालय ने याची की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था। याची के अधिवक्ता की ओर से तर्क दिया गया कि मामले में उसे झूठा फंसाया गया है।याची और पीड़िता के बीच सहमति से शारीरिक संबंध थे।

आवेदक ने अपने रिश्ते के दौरान पीड़िता से शादी करने का वादा भी नहीं किया था। पीड़िता ने शादी को मजबूर करने के लिए ही प्राथमिकी दर्ज कराई है। हालांकि, मामले में सरकारी अधिवक्ता ने जमानत अर्जी का विरोध किया लेकिन कोर्ट ने याची के तर्कों को स्वीकार करते हुए जमानत अर्जी मंजूर कर ली।

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सहमति से बनाए गए संबंध मेें रेप का आरोप सही नहीं है। कोर्ट ने इस आधार पर गोरखपुर के याची धनंजय गुप्ता को निजी मुचलके और दो प्रतिभूतियों के साथ रिहा करने का आदेश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने याची की जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है।

याची के खिलाफ गोरखपुर के खजनी थाने में आईपीसी की धारा 343, 504, 506, 376 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। याची जेल में है। मामले में सत्र न्यायालय ने याची की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था। याची के अधिवक्ता की ओर से तर्क दिया गया कि मामले में उसे झूठा फंसाया गया है।याची और पीड़िता के बीच सहमति से शारीरिक संबंध थे।

आवेदक ने अपने रिश्ते के दौरान पीड़िता से शादी करने का वादा भी नहीं किया था। पीड़िता ने शादी को मजबूर करने के लिए ही प्राथमिकी दर्ज कराई है। हालांकि, मामले में सरकारी अधिवक्ता ने जमानत अर्जी का विरोध किया लेकिन कोर्ट ने याची के तर्कों को स्वीकार करते हुए जमानत अर्जी मंजूर कर ली।