मेरठ: उपेक्षा को लेकर गृहमंत्री को चिट्टी लिखकर उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले की हस्तिनापुर सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक और प्रदेश सरकार में जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने आरएसएस की पगडंडियों पर चलकर वजीर बनने तक का सियासी सफर पूरा किया। एक कस्बे में भट्ठा व्यवसाय से जुड़े खटीक दूसरी बार विधायक चुने जाकर मंत्री पद पर आसीन हुए हैं। मिथक है कि हस्तिनापुर सीट से जिस दल का विधायक चुना जाता है, उसी दल की सूबे में सरकार बनती है। दिनेश दो बार 2017 और 2022 में जीते, दोनों बार बीजेपी की सरकार यूपी में बनी।
जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक हस्तिनापुर सीट से 2022 में दूसरी बार बीजेपी के विधायक हैं। 2017 में पहली बार विधायक चुने गए थे। वेस्ट यूपी बीजेपी उनको दलित चेहरे के तौर पर पेश करती है। दिनेश खटीक की तीन पीढ़ियां आरएसएस से जुड़ी रही हैं। उनके पिता और दादा भी संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। दिनेश खटीक 1994 में मेरठ के फलावदा मेरठ में संघ के खंड कार्यवाह रहे। 2006 विहिप और बजरंग दल से जुड़े रहे। 2007 में मेरठ बीजेपी के जिला मंत्री और 2010 में मेरठ बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष बनें। 2013 में मेरठ बीजेपी जिला महामंत्री बने। 2017 में हस्तिनापुर सीट से जीतकर पहली बार विधायक बने। 2021 में सीएम योगी ने उन्हें जल शक्ति एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का राज्य मंत्री बनाया। 2022 में हस्तिनापुर से लगातार दूसरी बार विधायक बनें। उन्हें एक बार फिर बतौर राज्य मंत्री जल शक्ति विभाग सौंपा। इनके भाई नितिन खटीक जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। दिनेश खटीक का फलावदा में ईंट-भट्टे का व्यवसाय था। फिलहाल मेरठ के गंगानगर में रहते हैं।
खटीक ने एक महीने पहले दी थी इस्तीफे की धमकी, लौटाई थी एस्कॉर्ट
दिनेश खटीक एक महीने पहले भी बीजेपी समर्थक की तरफ से पुलिस वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं करने से नाराज होकर इस्तीफा देने की चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने अपनी सुरक्षा की एस्कॉर्ट को भी वापस भेज दिया था। रात में थाने पर जाकर हंगामा किया था। थानेदार से उनकी कहासुनी हुई थी। दरअसल, चार जून 2022 को गंगानगर में बीजेपी वर्कर टेंट व्यापारी कोमल कुमार के साथ सिपाही आकाश और विकास के मारपीट करने और लूटपाट करने के आरोप लगे थे। तहरीर देने के बाद भी सिपाहियों के खिलाफ एफआईआर नहीं लिखी गई थी, जिसके बाद राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने रात में थाने में पहुंचकर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी। मंत्री और इंस्पेक्टर में नोकझोंक भी हुई थी। क्षुब्ध होकर दिनेश खटीक ने इस्तीफा देने के लिए प्रेसवार्ता बुलाने का ऐलान कर दिया था। डीएम और एसएसपी के बीच में पड़ने पर मामला शांत किया था। टेंट व्यापारी की तहरीर पर दो सिपाहियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। हालांकि, सिपाहियों की तरफ से भी टेंट व्यापारी पर एफआईआर दर्ज हुई थी। इस घटना से भी मंत्री खफा चल रहे थे। तब खटीक के घर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और दूसरे मंत्रियों ने जाकर शांत किया था।
दिनेश खटीक का रहा है विवाद से नाता, मंत्री पर एफआईआर भी हुई
दिनेश खटीक का विवादों से पुराना नाता रहा है। इसकी लंबी फेहरिस्त है। मेरठ में 13 फरवरी 2021 को वकील ओंकार सिंह ने आत्महत्या कर ली थी। सुइसाइड नोट में बीजेपी विधायक दिनेश खटीक उत्पीड़न से जान देने की बात लिखी थी, जिसमें विधायक और उसके साथियों के खिलाफ एफआईआर लिखी गई थी। 2017 में बीजेपी की सरकार बनते ही विधायक दिनेश खटीक पर एसएसपी आफिस जाकर दागी सिपाहियों की पैरवी की थी। एसएसपी ने 62 सिपाहियों को लाइनहाजिर किया था। मेरठ के मवाना में बिजली विभाग के एसडीओ को धमकाने का दिनेश खटीक का ऑडियो वायरल हुआ था। एसडीओ ने दिनेश के खिलाफ मवाना थाने में तहरीर भी दी। 16 अगस्त 2018 को मेरठ के मवाना थाने में विधायक ने इंस्पेक्टर मुनेंद्रपाल सिंह को खूब धमकाया था। विधायक ने कहा था कि इंस्पेक्टर को बलिया नहीं भिजवाया तो राजनीति छोड़ दूंगा। हापुड़ में पंचायती गोशाला के नाम से 600 बीघा जमीन मेरठ के मिर्जापुर गांव कब्मेंजे के आरोप लगे थे। इस मामले में मंत्री को सफाई देनी पड़ी थी।
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