बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संदीप सिंह ने बताया कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 की धारा-4 एवं राज्य सरकार द्वारा प्रख्यापित नियमावली के नियम-3 के अन्तर्गत 6-14 आयु वर्ग के आउट ऑफ स्कूल एवं ड्राप आउट बच्चों को चिन्हित कर उन्हें आयुसंगत (Agf appropriate) कक्षा में नामांकित कराकर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किये जाने का प्राविधान किया गया है। शारदा कार्यक्रम के अन्तर्गत शैक्षिक सत्र 2021-22 में चिन्हित आउ ऑफ स्कूल बच्चों को आयुसंगत कक्षा में नामांकित कराकर, शैक्षिक सत्र 2022-23 में विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाना है।
श्री सिंह ने बताया कि विशेष प्रशिक्षण (Special Training) हेतु शारदा कार्यक्रम के अन्तर्गत चिन्हित 07-14 वर्ष के नामांकित आउट ऑफ स्कूल बच्चों हेतु विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन कम से कम समय अर्थात दिनांक 20 जुलाई, 2022 से अवश्य प्रारम्भ करना सुनिश्चित करें। आउट ऑफ स्कूल बच्चों को न्यूनतम 09 माह का विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। यदि बच्चे द्वारा निर्धारित अवधि में कक्षानुसार अधिगम स्तर प्राप्त नहीं किया गया, तो ऐसी दशा में विशेष प्रशिक्षण की अवधि का विस्तार किय जा सकता है। आउट ऑफ स्कूल बच्चों के विशेष प्रशिक्षण हेतु प्रत्येक विद्यालय में खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा एक नोडल अध्यापक नामित किया गया है। प्रत्येक विद्यालय से नामित नोडल अध्यापक को ब्लाक स्तर पर आउट ऑफ स्कूल बच्चों के विशेष प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षित किया गया है। विशेष प्रशिक्षण का संचालन विद्यालय अवधि में किया जायेगा। शैक्षिक सत्र 2021-22 में 7-14 आयु वर्ग आउट ऑफ स्कूल बच्चों के विशेष प्रशिक्षण हेतु संघनित पाठ्य सामग्री एवं शिक्षण सामग्री उपलब्ध करायी जा चुकी है। विशेष प्रशिक्षण की अवधि में आउट ऑफ स्कूल बच्चों का त्रैमासिक मृूल्यांकन आयुसंगत कक्षा के स्तर तक लाने हेतु किया जायेगा। विशेष प्रशिक्षण की समाप्ति के उपरान्त बच्चों को विद्यालय की उपयुक्त कक्षा की मुख्यधारा में जोड़ा जायेगा। विशेष प्रशिक्षण केंद्र में नामांकित अउट ऑफ स्कूल बच्चों को अन्य बच्चों की भांति समस्त सुविधायें प्रदान की जायेगी।
श्री सिंह ने बताया कि एस0एम0सी० के सदस्यों को विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के सम्बन्ध में जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी तथा विद्यालय प्रबन्ध समिति को आउट ऑफ रकूल बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित होने में सहयोग प्रदान करने का दायित्व दिया जायेगा। नोडल अध्यापक के कार्य एवं दायित्व आउट ऑफ़ स्कूल बच्चों का प्रारम्भिक मूल्यांकन शारदा ऐप के माध्यम से 31 जुलाई, 2022 तक पूर्ण किया जायेगा। आयुसंगत कक्षा के स्तर तक लाने के लिये नोडल अध्यापक द्वारा मूल्यांकन के परिणाम के आधार पर शिक्षण योजना तैयार की जायेगी। विशेष प्रशिक्षण की अवधि में नोडल अध्यापक द्वारा आउट ऑफ स्कूल बच्चों का त्रैमासिक मूल्यांकन, आयुसंगत कक्षा के स्तर तक लाने हेतु किया जायेगा। विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों में बच्चों द्वारा किये गये कार्याें एवं वर्कशीट को बच्चों के फोल्डर अथवा प्रोफाइल में संरक्षित किया जायेगा। आउट ऑफ स्कूल बच्चों की नियमित मासिक उपस्थिति (शारदा ऐप के माध्यम से) ली जायेगी। विशेष प्रशिक्षण के पश्चात कक्षा के अन्य बच्चों के साथ शैक्षणिक और भावनात्मक रूप से जुड़ने योग्य बनाने के लिए ऐसे बच्चों को नोडल आध्यापकों द्वारा सहयोग प्रदान किया जायेगा। स्पेशल एजूकेटर के कार्य एवं दायित्व स्पेशल एजुकेटर्स (IT/RT) को आवंटित न्याय पंचायतों के विद्यालयों का अनुश्रवण कर नोडल अध्यापक को आउट ऑफ स्कूल बच्चों के विशेष प्रशिक्षण के संचालन में सहयोग प्रदान किया जायेगा। स्पेशल एजुकेटर द्वारा प्रतिमाह 20 विद्यालयों का अनुश्रवण किया जायेगा एवं आउट ऑफ स्कूल बच्चों के मूल्यांकन एवं उपस्थिति का विवरण शारदा ऐप के माध्यम से अपलोड कराया जायेगा। आवंटित विद्यालयों में समस्त आउट ऑफ स्कूल बच्चों का प्रारंम्भिक एवं त्रैमासिक मूल्यांकन सुनिश्चित किया जायेगा।
श्री संदीप सिंह ने बताया कि अनुश्रवण एवं मूल्यांकन के लिए मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक), जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक (सामु0सह0), एस0आर0जी0 एवं ए0आर0पी0 द्वारा विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाये। निरीक्षण अधिकारी द्वारा निरीक्षण आख्या के साथ फोटोग्राफ भी प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड किया जाये। विद्यालय प्रबन्ध समिति के समक्ष विशेष प्रशिक्षण हेतु सम्पूर्ण कार्ययोजना सदस्य-सचिव (प्रधानाध्यापक) द्वारा तैयार कर प्रस्तुत की जायेगी। विद्यालय प्रबन्ध समिति द्वारा विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की मासिक बैठक आयोजित कर प्रगति की समीक्षा करेगी। विद्यालय में बच्चों के अभिभावक एवं माता-पिता के साथ नियमित बैठकें कराकर प्रबन्ध समिति के प्रधानाध्यापक द्वारा बच्चों की निरन्तर उपस्थिति, सीख़ने की क्षमता व सीखने की प्रगति से उन्हें अवगत कराया जाये। सम्बन्धित विद्यालय में बच्चों के नाम एवं कक्षा सहित प्रगति विवरण भी नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाये तथा बच्चों की प्रगति पर विद्यालय प्रबन्ध समिति की बैठक में चर्चा की जाये। जिला समन्वयक (सामु०सह०) द्वारा अनिवार्य रूप से यह समीक्षा की जाये कि विशेष प्रशिक्षण हेतु नामांकित आउट ऑफ स्कूल बच्चे नियमित रूप से उपस्थित हो रहे हैं कि नहीं। नियमित उपस्थिति न होने पर बच्चों की अनुपस्थिति के कारणों का पता लगाकर उसका निवारण कराया जाये। विशेष प्रशिक्षण के प्रचार-प्रसार हेतु प्रशिक्षण संचालन के समय तथा अवधि की सूचना विद्यालय के सूचना पट्ट पर चस्पा की जाये। दिव्यांग बच्चों का चिन्हांकन, नामांकन एवं विद्या अर्जन के लिए विद्यालय प्रबन्ध समिति की सहभागिता सुनिश्चित करायी जाये तथा प्रारम्भिक शिक्षा पूरी होने तक उनका अनुश्रवण कराया जाये। विशेष प्रशिक्षण हेतु पंजीकृत बच्चों का ठहराव सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक सप्ताह उनका अनुश्रवण सम्बन्धित नोडल अध्यापक, ए0आर0पी0 एवं विद्यालय प्रबन्ध समिति द्वारा किया जाए एवं ड्राप आउट की स्थिति में सम्बन्धित अभिभावकों से सम्पर्क कर वापस विद्यालय लाने के प्रयास किये जायें। विशेष प्रशिक्षण पूर्ण होने पर तथा शैक्षिक स्तर के आकलन के बाद छात्र-छात्राओं को आयुसंगत कक्षा के अनुरूप मुख्यधारा से जोड़ा जाये और इसके अभिलेख प्रधानाध्यापक एवं नोडल अध्यापक द्वारा विद्यालय में सुरक्षित रखे जायें। सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाध्यापक विशेष प्रशिक्षण हेतु उत्तरदायी होगें। उपरोक्तानुसार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रत्येक माह की प्रगति से जिला परियोजना शिक्षा समिति की बैठक में जिलाधिकारी को सूचना उपलब्ध करायेगें, जिसकी प्रति राज्य परियोजना कार्यालय को उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने निर्देशित किया है कि विशेष प्रशिक्षण केन्द्रों का संचालन कर सभी कार्यक्रमों को निर्धारित समय सारिणी के आनुसार प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करायें।
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