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अवधेश राय हत्याकांड मामला: मूलपत्रों की बजाय छायाप्रति पर ट्रायल चलाने को चुनौती

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वाराणसी में हुए अवधेश राय हत्याकांड के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। हत्याकांड के मुख्य आरोपी और बाहुबली मुख्तार अंसारी ने साक्ष्यों के मूलपत्रों की बजाय छायाप्रति के आधार पर ट्रायल चलाने पर आपत्ति उठाई है। वाराणसी सत्र न्यायालय के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देकर ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की है।

मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि मामले में वाराणसी सत्र न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है। क्योंकि, सत्र न्यायालय ने छायाप्रति पर ही ट्रायल शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि क्योंकि, छायाप्रति साक्ष्य के तौर पर ग्राह्य नहीं है। लिहाजा, मूलप्रति मिलने पर ट्रायल शुरू किया जाए।

मामले में हत्याकांड के सहआरोपी राकेश श्रीवास्तव ने अपने मामले की सुनवाई वाराणसी जिला अदालत से प्रयागराज जिला अदालत स्थानांतरण करा ली थी। इसलिए हत्याकांड से जुड़े सारे रिकॉर्ड प्रयागराज जिला अदालत आ गए थे। मुख्तार के मामले में ट्रायल अब शुरू हुआ है। सारे रिकॉर्ड की छायाप्रति लगाई गई है। मामले में वाराणसी ट्रायल कोर्ट से गुहार लगाई गई कि प्रयागराज जिला अदालत से मूलप्रति मंगाई जाए। हाईकोर्ट में निगरानी याचिका के जरिए चुनौती दी गई है।

विस्तार

वाराणसी में हुए अवधेश राय हत्याकांड के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। हत्याकांड के मुख्य आरोपी और बाहुबली मुख्तार अंसारी ने साक्ष्यों के मूलपत्रों की बजाय छायाप्रति के आधार पर ट्रायल चलाने पर आपत्ति उठाई है। वाराणसी सत्र न्यायालय के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देकर ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की है।

मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि मामले में वाराणसी सत्र न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है। क्योंकि, सत्र न्यायालय ने छायाप्रति पर ही ट्रायल शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि क्योंकि, छायाप्रति साक्ष्य के तौर पर ग्राह्य नहीं है। लिहाजा, मूलप्रति मिलने पर ट्रायल शुरू किया जाए।

मामले में हत्याकांड के सहआरोपी राकेश श्रीवास्तव ने अपने मामले की सुनवाई वाराणसी जिला अदालत से प्रयागराज जिला अदालत स्थानांतरण करा ली थी। इसलिए हत्याकांड से जुड़े सारे रिकॉर्ड प्रयागराज जिला अदालत आ गए थे। मुख्तार के मामले में ट्रायल अब शुरू हुआ है। सारे रिकॉर्ड की छायाप्रति लगाई गई है। मामले में वाराणसी ट्रायल कोर्ट से गुहार लगाई गई कि प्रयागराज जिला अदालत से मूलप्रति मंगाई जाए। हाईकोर्ट में निगरानी याचिका के जरिए चुनौती दी गई है।