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शामली के गढ़ीपुख्ता क्षेत्र के गांव भैंसवाल के मोहल्ला कादियान पट्टी स्थित प्राचीन शिव मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। करीब सात सौ साल पुराने इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां सफेद संगमरमर का पंचमुखी शिविलिंग है। सावन में मंदिर में हर-हर महादेव का जयघोष गूंजता रहता है।
पंचमुखी शिवलिंग की है मान्याताएं
शिव मंदिर के पंडित सुनील शर्मा ने बताया कि गांव भैंसवाल में सफेद संगमरमर का पंचमुखी शिवलिंग है। यह मंदिर लगभग सात सौ साल पुराना है। इसका निर्माण ग्रामवासियों ने मिलजुलकर कराया था। मंदिर में स्थापित सफेद शिवलिंग पूरे देश में केवल पांच हैं।
यह भी पढ़ें : Sawan 2022: रवि योग में सावन का पहला सोमवार आज, शिवालयों में जलाभिषेक का सिलसिला जारी, कांवड़ियों की भीड़ बढ़ी
इस प्राचीन शिव मंदिर में क्षेत्र के लोग भी पंचमुखी शिवलिंग पर जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। दिल्ली, मेरठ व अन्य प्रदेशों से अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए श्रद्धालु मंदिर में आते हैं। सावन में हरिद्वार से गंगाजल लाकर कांवड़ियां शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं।
सच्चे मन से की मनोकामना होती है पूरी
गांव भैंसवाल में रजबहे के पुल के बराबर में दूसरा प्राचीन शिव मंदिर है। यह करीब लगभग ढाई सौ वर्ष पुराना है। शिवभक्त कृष्णपाल ने बताया कि इस प्राचीन शिव मंदिर में सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है। मंदिर में हर वर्ष सावन में त्रयोदशी पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है।
विस्तार
शामली के गढ़ीपुख्ता क्षेत्र के गांव भैंसवाल के मोहल्ला कादियान पट्टी स्थित प्राचीन शिव मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। करीब सात सौ साल पुराने इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां सफेद संगमरमर का पंचमुखी शिविलिंग है। सावन में मंदिर में हर-हर महादेव का जयघोष गूंजता रहता है।
पंचमुखी शिवलिंग की है मान्याताएं
शिव मंदिर के पंडित सुनील शर्मा ने बताया कि गांव भैंसवाल में सफेद संगमरमर का पंचमुखी शिवलिंग है। यह मंदिर लगभग सात सौ साल पुराना है। इसका निर्माण ग्रामवासियों ने मिलजुलकर कराया था। मंदिर में स्थापित सफेद शिवलिंग पूरे देश में केवल पांच हैं।
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इस प्राचीन शिव मंदिर में क्षेत्र के लोग भी पंचमुखी शिवलिंग पर जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। दिल्ली, मेरठ व अन्य प्रदेशों से अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए श्रद्धालु मंदिर में आते हैं। सावन में हरिद्वार से गंगाजल लाकर कांवड़ियां शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं।
सच्चे मन से की मनोकामना होती है पूरी
गांव भैंसवाल में रजबहे के पुल के बराबर में दूसरा प्राचीन शिव मंदिर है। यह करीब लगभग ढाई सौ वर्ष पुराना है। शिवभक्त कृष्णपाल ने बताया कि इस प्राचीन शिव मंदिर में सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है। मंदिर में हर वर्ष सावन में त्रयोदशी पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है।
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