बरेली:राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रचारक आर्मेंद्र को पीटने और बंधक बनाने के आठ पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसमें दारोगा अंकित कुमार, मढ़ीनाथ चौकी इंचार्ज सुनील कुमार भारद्वाज नामजद हैं। बाकी छह सिपाही अज्ञात हैं। अंकित को घटना के बाद ही निलंबित कर दिया गया। शुक्रवार देर रात सुनील पर भी यह कार्रवाई कर दी गई। सभी पर डकैती, बंधक बनाकर पीटने, अवैध हिरासत में रखने, धमकी देने, अभद्रता की धाराएं लगाई गई हैं। वहीं, घटना के विरोध में प्रदर्शन करने पर अज्ञात संघ पदाधिकारियों व समर्थकों पर सड़क जाम, पुलिस से अभद्रता, धारा 144 का उल्लंघन की धाराओं में मुकदमा लिखा गया है। गलत तथ्य देने पर एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने देर रात सुभाषनगर इंस्पेक्टर सुनील अहलावत को थाने से हटाकर पुलिस लाइंस भेज दिया।
मां का हल जानने के लिए बदायूं से बरेली आए थे प्रचारक
बदायूं जिला दातागंज के संतोषनगर नगला बसेरा निवासी आर्मेंद्र मथुरा में महानगर प्रचारक हैं। तबीयत खराब होने पर उनकी मां रामबेटी जिला अस्पताल में भर्ती हैं। आमेंद्र ने बताया कि गुरुवार शाम करीब पांच बजे वह अस्पताल से सुभाषनगर निवासी बहन के घर खाना लेने जा रहे थे। करगैना पुलिस चौकी के पास बिना नंबर की कार से आया दारोगा अंकित कुमार की मोटरसाइकिल के पीछे हार्न देता रहा। इसके बाद ओवरटेक कर अभद्रता करने लगा। विरोध करने पर उसने फोन कर चीता मोबाइल के छह सिपाही और मढ़ीनाथ चौकी इंचार्ज सुनील कुमार भारद्वाज को बुला लिया। ये सभी कार में खींचकर सुनसान स्थान पर ले गए और पिटाई की। पिस्टल से गोली मारने की धमकी देकर वीडियो बनाया, जिसमें यह कहने का मजबूर किया गया कि घटना में मेरी ही गलती थी। प्रचारक के साथ देर शाम तक उत्पीड़नात्मक कार्रवाई होती रही। जानकारी मिलने पर सांसद, विधायक और कार्यकर्ता जुटे और विरोध जताया। शुक्रवार देर रात में ही दारोगा अंकित कुमार को सस्पेंड कर दिया गया था।
सड़क जाम करने के मामले में अज्ञात लोगों पर मुकदमा
दूसरे दिन शुक्रवार को अज्ञात में पुलिस ने भी सड़क जाम करने, घारा 144 तोड़ने आदि के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की, जिसमें आरएसएस प्रचारक अज्ञात में दर्शा दिया। इसकी जानकारी मिलने पर शुक्रवार देर शाम सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, मेयर उमेश गौतम, शहर अध्यक्ष केएम अरोरा, विधायक डीसी वर्मा आदि जुटे और अफसरों से विरोध जताया। सर्किट हाउस में रात में जनप्रतिनिधियों और अफसरों से बैठक हुई। एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने पुलिस की ओर से दर्ज हुई एफआईआर में उल्लेखित तथ्यों की जांच कराई। तब पता चला कि इंस्पेक्टर सुभाषनगर की गलती है। एसएसपी ने रात में ही इंस्पेक्टर को लाइनहाजिर कर दिया। उन्होंने दूसरे दारोगा सुनील कुमार को भी निलंबित कर दिया। पुलिस की ओर से लिखा गया मुकदमा भी रद्द करा दिया। इसके साथ ही आरोपी दो दरोगा, छह सिपाहियों पर एफआईआर दर्ज की गई।
इनपुट- आरबी लाल
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