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मंत्री लोक निर्माण विभाग श्री जितिन प्रसाद की प्रेस कान्फ्रेंस की विज्ञप्ति

प्रदेश के सभी जनपदों में जनमानस को यातायात की सुविधायें उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग की है। लोक निर्माण विभाग प्रदेश के पुराने निर्मित मार्गो का रख-रखाव (नवीनीकरण या विशेष मरम्मत के द्वारा) एवं बढ़ते यातायात की आवश्यकता को देखते हुए, अधिक यातायात वाले मार्गों का मानक के अनुसार चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य कराता है। कुछ अन्य विभागों यथा- ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, यूपीडा, गन्ना विभाग, जिला पंचायत, ग्राम्य विकास विभाग एवं अन्य विभाग भी मार्ग निर्माण एजेन्सी के रूप में कार्य करते हैं।
लोक निर्माण विभाग द्वारा लखनऊ में समस्त सरकारी भवनों का रख-रखाव एवं नई स्वीकृतियों के सापेक्ष भवन निर्माण का कार्य भी कराया जाता है। अन्य जनपदों में भी सरकारी कालोनियों का रख-रखाव एवं अन्य सरकारी भवनों का रख रखाव किया जाता है।
उ0प्र0 राज्य सेतु निगम द्वारा दीर्घ सेतुओं का निर्माण किया जाता है। उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम द्वारा भवनों का निर्माण किया जाता है।
ऽ विगत वर्षों के महत्वपूर्ण कार्य
वर्ष 2012 से 2017 के मध्य 15331 कि0मी0 ग्रामीण मार्गो का निर्माण एवं 16,537 कि0मी0 चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य विभाग द्वारा किया गया था। इसके साथ 591 दीर्घ सेतुओं/लघु सेतुओं का निर्माण किया गया था।
वर्ष 2017 से 2022 के मध्य 20,152 कि0मी0 ग्रामीण मार्गो का निर्माण एवं 17,150 कि0मी0 चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य विभाग द्वारा किया गया था। इसके साथ 186 दीर्घ सेतुओं 72 रेल ऊपरगामी सेतुओं 537 लघु सेतुओं अर्थात् कुल 795 सेतुओं का निर्माण किया गया है।
मा0 योगी आदित्यनाथ जी द्वारा मुख्यमंत्री के रूप में राज्य की कमान दूसरी बार दिनांक 25.03.2022 को सम्भाली गई। आदरणीय मुख्यमंत्री जी ने कार्यभार सम्भालते ही सभी विभागों को प्रथम 100 दिन की कार्य योजना बनाने के निर्देश दिये। इसी प्रकार 06 माह की कार्य योजना, 01 वर्ष की कार्य योजना, 02 वर्ष की कार्य योजना एवं 05 वर्ष की कार्य योजना बनाने के निर्देश भी दिये गये।
ऽ 100 दिन के लक्ष्य एवं उपलब्धि
लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रथम 100 दिन में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियॉ प्राप्त की गयी है। उदाहरण के लिए प्रथम 100 दिन में 500 से अधिक ग्रामीण सम्पर्क मार्गों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इन 500 सम्पर्क मार्गों मंे 1126 कि0मी0 की लम्बाई में निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है और इस पर 787 करोड़ से अधिक का व्यय हुआ है। इससे यह स्पष्ट है कि रोजाना लगभग 05 सम्पर्क मार्गों का निर्माण कार्य पूरा किया गया है। यह भी अवगत कराना है कि 841 कार्य प्रगति में हैं, जिनकी अवशेष लागत    रु0 882 करोड़ है। इन सभी ग्रामीण मार्गों को इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण किया जाना लक्षित है। विभाग का यह सतत् प्रयास रहेगा कि भविष्य में भी इसी गति से निर्माण कार्य में प्रगति प्राप्त करते रहेंगे।
विभाग द्वारा प्रथम 100 दिन में 89 सेतुओं का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है, जिसकी लागत रु0 834 करोड़ है। यह भी अवगत कराना है कि 1191 सेतु कार्य प्रगति में हैं, जिनकी अवशेष लागत रु0 3758 करोड़ है। इस वित्तीय वर्ष में प्रत्येक 03 दिन में 01 सेतु पूर्ण करने का लक्ष्य है। दीर्घ सेतुओं का निर्माण उ0प्र0 राज्य सेतु निगम द्वारा किया जाता है। सेतु निगम द्वारा प्रतिवर्ष औसतन 45 नदी सेतु एवं 20 रेल उपरिगामी सेतुओं का निर्माण कार्य कराया जा रहा है, जिसे वर्ष 2023-24 में दोगुना करते हुए लगभग 40 रेल उपरिगामी सेतुओं का निर्माण प्रतिवर्ष किया जाना लक्षित है।
विभाग द्वारा प्रथम 100 दिन में 511 कि0मी0 मार्गो का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण लागत रु0 1441 करोड़ की लागत के पूर्ण किये गये हैं। रु0 17667 करोड़ लागत के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के कार्य प्रगति में हैं। इस प्रकार विभाग द्वारा प्रथम 100 दिन में लगभग 05 किलोमीटर प्रतिदिन की उपलब्धि हासिल की गयी है।
10380 कि0मी0 लम्बाई में सड़क मरम्मत का कार्य एवं 2910 कि0मी0 लम्बाई में सड़क मरम्मत के साथ नवीनीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है। क्षतिगस्त मार्गों के सुधार के सतत् प्रयास किये जा रहे हैं।
    उत्तर प्रदेश सीमा से लगे हुए अन्य राज्यों यथा- मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तरांखण्ड, बिहार, झारखण्ड के प्रवेश द्वार पर 89 अन्तर्राज्यीय स्वागत द्वारों का निर्माण सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया है, जिसमें से 60 अन्तर्राज्यीय स्वागत द्वारों का निर्माण कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है। स्वागत द्वारों के बनने से प्रदेशवासियों एवं अन्य प्रदेश से आने वाले पर्यटकों/जनमानस को प्रदेश में हो रहे विकास की पहली झलक मिलेगी।
ऽ राष्ट्रीय राजमार्गो का विवरण
प्रदेश के समस्त राष्ट्रीय मार्गों का निर्माण एवं अनुरक्षण भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा किया जाता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय  के अन्तर्गत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, मोर्थ के पी0आई0यू0 एवं लोक निर्माण विभाग, उ0प्र0 नामित एजेन्सी हैं।
प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्गो की संख्या 89 है, जिनकी लम्बाई 11,590 कि0मी0 है। गतवर्ष प्रदेश में एन0एच0ए0आई0 एवं एन0एच0 लो0नि0वि0 द्वारा 1720 कि0मी0 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को पूर्ण किया गया।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय मार्ग, लो0नि0वि द्वारा गत वर्ष प्रस्तुत 662 कि0मी0 एवं लागत रु0 13,325 करोड़ लागत की परियोजनाओं की स्वीकृति प्रदान की गई।
श्री नितिन गडकरी, मा0 मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार से हुई वार्ता के अनुसार इस वर्ष राष्ट्रीय मार्ग, लो0नि0वि0 द्वारा 1163 कि0मी0 लम्बाई के राष्ट्रीय राजमार्गो का विकास कराने हेतु डी0पी0आर0 प्रस्तुत की जायेगी। इस वर्ष कार्यो की स्वीकृति हेतु मंत्रालय द्वारा रू0 15,634 करोड़ की वार्षिक कार्य योजना अनुमोदित की गयी है।
इसके अतिरिक्त मथुरा वृन्दावन क्षेत्र में बृज 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का निर्माण रु0 2500 करोड़ की लागत से कराया जायेगा, जिसके लिये डी0पी0आर0 कन्सलटेन्ट का चयन हो चुका है और डी0पी0आर0 गठन की कार्यवाही प्रारम्भ हो चुकी है।
ऽ नए रेल उपरिगामी सेतु निर्माण की पहल
एक लाख से अधिक टी0वी0यू0 वाले समस्त लेविल क्रासिंग पर नए आर0ओ0बी0 का निर्माण केन्द्रीय सहायता के अन्तर्गत किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए शीघ्र ही उत्तर प्रदेष सरकार तथा भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के बीच एक डव्न् साईन किया जायेगा जिसका अनुमोदन कैबिनेट/मा0 मंत्रीपरिषद द्वारा किया जा चुका है। इस मद में पहले से स्वीकृत धनराषि रू0 117.27 करोड़ की केन्द्रीय सहायता को बढ़ाकर सड़क परिवहन एवम् राजमार्ग मंत्रालय के माननीय मंत्री श्री नितिन गडकरी जी ने रू0 700 करोड़ करने की घोषणा भी कर दी है। इस तरह आगामी वर्षों में समस्त लेविल क्रासिंग पर नए आर0ओ0बी0 निर्माण कराए जाने लक्षित हैं।
ऽ पारदर्शिता की ओर बढ़ते कदम
विभाग में पारदर्षिता लाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं जिसमें से ऑनलाइन एस्टीमेटर दिनांक 23.06.2022 को लांच किया गया है। ऑनलाइन एस्टीमेटर लांच किए जाने से समय एवं कागज की बचत होगी, सभी आगणनों में एकरूपता आएगी तथा समय से कार्यों की स्वीकृतियां जारी हो सकेंगी।
ऽ मार्ग अनुरक्षण में सकारात्मक परिवर्तन
मार्गों की अनुरक्षण नीति ;डंपदजमदंदबम च्वसपबलद्ध में परिवर्तन किया जाना प्रस्तावित है जिसके अन्तर्गत नव निर्माण, चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण (ॅपकमदपदह – ैजतमदहजीमदपदहद्ध के कार्यों के अनुबन्ध (ब्वदजतंबजद्ध के साथ ही पंचवर्षीय अनुरक्षण नीति (5 लमंते उंपदजमदंदबम चवसपबलद्ध लायी जा रही है जिससे मार्गों की गुणवत्ता में सुधार होगा एवं मार्गों के जल्दी क्षतिग्रस्त होने के कारण आम जनता को हो रही परेषानी से निजात मिलेगी। इसके साथ-साथ अनुरक्षण पर आने वाला व्यय भी सीमित हो सकेगा। इसके अतिरिक्त मार्गों के अनुरक्षण हेतु पॉयलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुल 18 मंडलों में से,  प्रत्येक मण्डल में एक ब्लॉक की लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व की समस्त सड़कों, ग्रामीण मार्ग सहित को पांच वर्ष के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसके सफल होने पर पूरे प्रदेष में इसी प्रकार अनुरक्षण कराए जाने पर विचार किया जाएगा।
ऽ भवनों का निर्माण
वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत 50 करोड़ से अधिक लागत के भवनों के निर्माण का कार्य ई0पी0सी0 मोड पर किया जा रहा है। इस प्रक्रिया को मार्ग कार्यों पर भी लागू किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। ई0पी0सी0 मोड के अन्तर्गत खुली निविदाएं आमंत्रित की जाती है जिसमें ज्यादा अनुभवी ठेकेदार जिनके पास अधिक मात्रा में तकनीकी स्टॉफ एवं मषीनरी उपलब्ध होती है जिससे कार्यो की गुणवत्ता बेहतर रहेगी एवं कार्य भी जल्दी पूर्ण किए जा सकेंगे।