आने वाले दिनों में दिव्यांगजनों के लिए कई तरह की और भी सुविधा होगी। हो सकता है उन्हें चलने बोलने और सुनने में तकनीकी के जरिये सहायता मिल जाए। इसके लिए डॉ0 एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने पहल की है। विश्वविद्यालय के इनोवेशन हब और वायस ऑफ स्पेशली एबल्ड पीपल संस्था साथ मिलकर हैकथॉन कराने जा रहे हैं। इस अन्तर्राष्ट्रीय हैकथॉन में देश ही नहीं दुनिया के लोग हिस्सा लेंगे। जो अपने नवाचार का प्रेजेंटेशन करेंगे।
समस्याओं का देंगे समाधान
कुलपति प्रो0 प्रदीप कुमार मिश्र के निर्देशन में इनोवेशन हब की ओर से यह आयोजन किया जा रहा है। इस हैकथॉन प्रतियोगिता में पूरी दुनिया से ऐसे लोग हिस्सा लेंगे जो बोलने और सुनने में असमर्थ लोगों के लिए कुछ नया प्रोडक्ट बनाने की सोच रहे हैं। हैकथॉन में पंजीकृत लोगों को दिव्यांगजनों की तीन चुनौतियों चलने, बात करने और सीखने के लिए नया आइडिया देना होगा। इसमें से सबसे अच्छे आइडिया को चयनित करके पुरस्कार स्वरूप एक हजार डॉलर का पुरस्कार भी दिया जाएगा। साथ ही टॉप टेन आइडिया को अन्तर्राष्ट्रीय एग्जिबिशन में शामिल होने का मौका भी दिया जाएगा। इसी क्रम में बुधवार को इनोवेशन हब ने विश्वविद्यालय से जुड़े संस्थानों के इनोवेशन सेंटर के मैनेजरों, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशकों और टीचर्स के साथ ऑनलाइन बैठक की। बैठक में इस हैकथॉन के बारे में पूरी जानकारी दी गयी। साथ ही बताया गया कि इसमें शामिल होने वालों को इनोवेशन हब पूरी सहायता प्रदान करेगा। इस हैकथॉन में भाग लेने के लिए 31 अगस्त तक पंजीकरण कराना होगा। बैठक में वायस ऑफ स्पेशली एबल्ड पीपल के संस्थापक प्रनव देसाई, डीन इनोवेशन हब प्रो0 संदीप तिवारी, इनोवेशन हब के हेड महीप सिंह, वंदना शर्मा और रितेश सक्सेना मौजूद रहे। कुलपति प्रो0 प्रदीप कुमार मिश्र का कहना है कि नवाचार के जरिये यदि दिव्यांगजनों की समस्याओं का समाधान हो जाये तो इससे बड़ी बात और क्या होगी।
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